Telangana News:तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) की बेटी और टीआरएस की वरिष्ठ नेता के कविता न केवल हाई-प्रोफाइल इवेंट से गायब थीं, बल्कि उनका नाम आगामी मुनुगोड़े उपचुनाव के लिए टीआरएस के प्रभारी की सूची से भी गायब था.
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TRS News: राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने की कवायद के साथ बुधवार को दशहरे के दिन तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (BRS) किया गया, जिसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया. पार्टी का नाम बदलने की घोषणा से उत्साहित कार्यकर्ताओं ने अपनी पार्टी के नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) को ‘राष्ट्रीय नेता’ करार दिया. हालांकि इस समारोह में केसीआर की बेटी और वरिष्ठ नेता के कविता की गैरजमौजूदी ने कई अटकलों का जन्म दे दिया.
कविता न केवल हाई-प्रोफाइल इवेंट से गायब थीं, बल्कि उनका नाम आगामी मुनुगोड़े उपचुनाव के लिए टीआरएस के प्रभारी की सूची से भी गायब था. बता दें केसीआर की इस मजबूत व्यक्तिगत पहल जिसमें असदुद्दीन ओवैसी के एआईएमआईएम और कर्नाटक स्थित जेडी (एस) जैसे क्षेत्रीय दलों का समर्थन मिला है.
इस बात से भी मिला अटकलों को बल
अटकलों को का इस बात से भी बल मिला की कविता ने घर ही दशहरे की पूजा की. उन्होंने पूजा की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, "दशहरे के इस शुभ दिन पर, हमने घर पर आयुध पूजा की." कविता की अनुपस्थिति पर टीआरएस कार्यकर्ताओं और प्रतिद्वंद्वियों ध्यान गया, लेकिन मुनुगोड़े उपचुनाव के लिए प्रभारी बनाए गए नेताओं की सूची से उनके नाम की अनुपस्थिति ने अधिक ध्यान आकर्षित किया.
मुख्यमंत्री केसीआर के बेटे केटीआर, जो राज्य के आईटी और उद्योग मंत्री भी हैं, 3 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए पार्टी प्रभारी में से एक हैं. मंत्रियों, विधायकों और सांसदों सहित कई महिला नेता जैसे सबिता इंदिरा रेड्डी, सत्यवती राठौड़, पद्म देवेंद्र रेड्डी, गोंगिडी सुनीता और दीपिका युगेंदर का स्थान इस सूची में है. केटीआर के नाम से मशहूर कलवकुंतला तारक रामा राव बुधवार के कार्यक्रम में उपस्थित थे.
बीजेपी ने उठाए सवाल
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक एक टिप्पणी के लिए कविता के कार्यालय से संपर्क किया गया लेकिन टीआरएस आम सभा की बैठक और बीआरएस लॉन्च से उनकी अनुपस्थिति के बारे में पूछे गए प्रश्नों का कोई जवाब नहीं मिला. पार्टी के पक्ष के लिए टीआरएस नेताओं तक पहुंचने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने भी कोई टिप्पणी नहीं की.
इस बीच, प्रतिद्वंद्वी भाजपा के नेताओं ने सवाल उठाए, जबकि सोशल मीडिया पर कुछ ने कविता की अनुपस्थिति के बारे में भी टिप्पणी की.
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