Dog Menace: पिछले कुछ वर्षों में देखें तो इंसानों पर कुत्तों के हमलों में इजाफा हुआ है. आवारा कुत्ते हर इलाके में बड़ी समस्याएं बनते जा रहे हैं. इनके कारण न सिर्फ लोग चोटिल हो जाते हैं बल्कि उनकी जान तक चली जाती है.
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Stray Dog Population: चाय कंपनी वाघ-बकरी के मालिक और एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर पराग देसाई की रविवार को ब्रेन हैमरेज के कारण मौत हो गई. वह 15 अक्टूबर को इवनिंग वॉक पर निकले थे, तभी कुत्तों ने उन पर अटैक कर दिया. बचने के दौरान वह गिर गए, जिसके बाद उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन आज उन्होंने दम तोड़ दिया.
बीते कुछ वर्षों के आंकड़े देखें तो कुत्तों के हमलों के मामले बढ़े हैं. इसी साल मार्च में एक वीडियो सामने आया था, जिसमें आवारा कुत्तों ने हैदराबाद की एक सोसाइटी में 4 साल के बच्चे को मार डाला था, जिसके बाद लोगों में दहशत फैल गई थी.
सबसे ज्यादा आवारा कुत्तों के मामले भारत में
दुनिया में सबसे ज्यादा आवारा कुत्तों के हमले भारत में होते हैं. करीब 36 प्रतिशत लोगों की मृत्यु भारत में रेबीज के कारण होती है. भारत में सबसे ज्यादा आवारा कुत्ते हैं. ज्यादातर रेबीज के मामले तो रिपोर्ट ही नहीं होते.
एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स 2001 के मुताबिक, आवारा कुत्तों को मारा नहीं जा सकता, सिर्फ नसबंदी की जा सकती है. लेकिन कुत्तों के हमलों में गई जान में गलती किसकी है और इस समस्या को सुधारने के लिए क्या किया जा सकता है?
दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश भारत में 1 करोड़ से ज्यादा पालतू कुत्ते हैं. इस साल के अंत तक यह आंकड़ा 3 करोड़ तक पहुंच जाएगा.
इन राज्यों में सबसे ज्यादा आवारा कुत्ते
इसकी तुलना अगर आवारा कुत्तों से करें तो उनकी आबादी देश में करीब 3.5 करोड़ है. भारत में उत्तर प्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा आवारा कुत्ते हैं. जबकि तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कुत्तों के काटने के मामले सामने आते हैं. बिहार सरकार का कहना है कि राज्य में बीमारियां फैलाने के मामले में आवारा कुत्ते तीसरे स्थान पर हैं.
क्या हैं कारण?
आवारा कुत्तों की परेशानी इसलिए ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि इंसान और कुत्तों की आबादी काफी ज्यादा है. सबसे पहले तो भारत में एनिमल हेल्थकेयर और कंट्रोल के लिए कोई प्रभावी सिस्टम नहीं है.
इसके अलावा पालतू जानवरों को स्वस्थ और आवारा कुत्तों को कंट्रोल में रखने के लिए कदम उठाए नहीं जाते. जानवरों की बढ़ती आबादी को कंट्रोल करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाने के कारण इनकी जनसंख्या बढ़ती जा रही है.
इसके अलावा लोग भी अपने पालतू जानवरों को या तो छोड़ देते हैं या फिर खुला घूमने देते हैं, जिससे आवारा कुत्तों की आबादी बढ़ रही है.
अगर आप अपने पालतू जानवर की केयर नहीं कर सकते तो आपके पास उसे सरेंडर करने के विकल्प हैं. आप उसे किसी और को भी दे सकते हैं.
चिंता सिर्फ आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी ही नहीं बल्कि उनका बर्ताव भी है. आवारा कुत्ते बेहद आक्रामक होते हैं जो इंसानों और बाकी जानवरों पर हमला कर देते हैं. ये हमले जानलेवा भी होते हैं.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के मुताबिक, साल 2019 में भारत में कुत्तों के हमले में इंसानों की जान जाने के 4,146 मामले सामने आए थे. इसी से इस समस्या की गंभीरता का पता चलता है.
आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक, केरल राज्य में 2,90,000 आवारा कुत्ते हैं. कमाल की बात है कि सर्वाधिक आवारा कुत्तों वाले राज्यों में केरल टॉप 10 में भी नहीं है. साल 2022 में सिर्फ 7 महीने में केरल में कुत्तों के काटने के एक लाख मामले थे.
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि खराब वेस्ट मैनेजमेंट, सड़कों पर पालतू जानवरों को छोड़ना, पर्याप्त नसबंदी और कुत्तों की वैक्सीनेशन राज्य में आवारा कुत्तों की समस्या का बड़ा कारण है.