UP Bypoll Election: यूपी उपचुनाव में सपा के एक दांव ने भाजपा के लिए चुनौती बढ़ा दी है. सपा और कांग्रेस के अलग-अलग लड़ने से जो वोट बंट सकते थे, वो अब नहीं होंगे. ऐसे में भाजपा को अपनी रणनीति को धार देना जरूरी हो गया है. वैसे भी लोकसभा चुनाव में जिस तरह सपा का प्रदर्शन रहा है, उससे अखिलेश की टीम जोश से लबरेज है.
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यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होना है. सपा ने अकेले उतरने की बुधवार आधी रात घोषणा क्या की, गुरुवार दिन में सियासी पारा हाई हो गया. सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी बहुजन समाज पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की जबकि कांग्रेस ने त्रिकोणीय मुकाबले से बाहर रहने और ‘इंडिया’ गठबंधन का समर्थन करने का विकल्प चुना. कांग्रेस नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि ‘इंडिया’ गठबंधन एकजुट होकर उपचुनाव में उतरेगा. इसके बाद सपा ने दो बची सीटें गाजियाबाद और अलीगढ़ में खैर के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. इससे पहले तक सपा ने यहां कांग्रेस को समायोजित करने के लिए उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया था.
कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय राय ने कहा, 'हम चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन उपचुनाव में सपा का समर्थन करेंगे. ‘इंडिया’ गठबंधन एकजुट है.' उन्होंने उन खबरों का खंडन किया कि रणनीति के तहत कांग्रेस उम्मीदवार सपा के चुनाव चिह्न पर कुछ सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. राय ने कहा, 'यह बिल्कुल भी सच नहीं है. कांग्रेस ये चुनाव नहीं लड़ रही है, लेकिन सपा का समर्थन करेगी, जिसके उम्मीदवार सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.'
बीजेपी का प्लान
भाजपा ने मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट अपने सहयोगी रालोद के लिए छोड़ दी. उसने पूर्व विधायक मिथिलेश पाल (ओबीसी) को मैदान में उतारा. 2022 के चुनावों में रालोद ने यह सीट जीती थी. भाजपा ने शेष सभी आठ सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए, जो उसके अन्य सहयोगी निषाद पार्टी के लिए एक जबरदस्त धक्का है. निषाद पार्टी ने दो सीटों मिर्जापुर में मझवां और आंबेडकरनगर में कटेहरी पर दावा किया था. ये वे सीटें थीं, जिन पर निषाद पार्टी ने 2022 के चुनावों में भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था और मझवां में जीत हासिल की थी, जबकि कटेहरी में वह हार गई थी. निषाद पार्टी के मैदान में न होने से मझवां में भाजपा की सुचिस्मिता मौर्य (ओबीसी) का मुकाबला समाजवादी पार्टी के डॉ. ज्योति बिंद और बसपा के दीपक तिवारी से होगा, जबकि कटेहरी में भाजपा के धर्मराज निषाद, शोभावती वर्मा (सपा) और अमित वर्मा (सभी ओबीसी) के बीच मुकाबला होगा.
भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने उत्तर प्रदेश विधानसभा उप चुनाव-2024 के लिए निम्नलिखित नामों पर अपनी स्वीकृति दी है। सभी प्रत्याशियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। pic.twitter.com/2N1AQnE0BU
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) October 24, 2024
निषाद पार्टी नाराज तो नहीं?
एक भाजपा नेता ने बताया कि धर्मराज निषाद बसपा से तीन बार विधायक रहे हैं. वह 2022 के चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हुए थे. UP सरकार में मंत्री एवं निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने शुक्रवार को पार्टी की कोर-कमेटी की बैठक बुलाई है.
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) October 24, 2024
सपा की एक और लिस्ट
समाजवादी पार्टी ने पहले सात उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे. करहल से तेज प्रताप यादव, सीसामऊ से नसीम सोलंकी, फूलपुर से मुस्तफा सिद्दीकी, कटेहरी से शोभावती वर्मा, मझवां से ज्योदी बिंद, मीरापुर से सुम्बुल राणा और कुंदरकी से मोहम्मद रिजवान. पार्टी ने बृहस्पतिवार को दो और उम्मीदवारों के नाम घोषित किए. इनमें सिंह राज जाटव (गाजियाबाद) और चारू कैन (खैर) शामिल हैं.
भाजपा की लिस्ट भी
भाजपा की सूची में कुंदरकी से रामवीर सिंह ठाकुर, गाजियाबाद से संजीव शर्मा, खैर (सुरक्षित) से सुरेंद्र दिलेर और करहल से अनुजेश यादव, फूलपुर सीट से दीपक पटेल, कटेहरी से धर्मराज निषाद, मझवां से सुचिस्मिता मौर्य और सीसामऊ सीट से सुरेश अवस्थी शामिल हैं. रालोद ने मीरापुर से मिथिलेश पाल को गठबंधन प्रत्याशी बनाया है.
बसपा की सूची में अमित वर्मा (कटेहरी), जितेंद्र कुमार सिंह (फूलपुर), शाहनजर (मीरापुर), वीरेंद्र कुमार शुक्ला (सीसामऊ), अवनीश कुमार शाक्य (करहल), रफत उल्लाह (कुंदरकी), परमानंद गर्ग (गाजियाबाद), दीपक तिवारी (मझवां) शामिल हैं. यूपी बसपा प्रमुख विश्वनाथ पाल ने कहा, 'बसपा ने हमेशा 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी' के सिद्धांत का पालन किया है और आज की सूची भी उसी सिद्धांत का पालन करती है.' बसपा ने अब तक अलीगढ़ जिले की खैर (एससी) सीट पर अपने नौवें उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है.
करहल में अखिलेश की प्रतिष्ठा दांव पर
करहल 1993 से सपा का गढ़ माना जाता है. इसपर मुलायम सिंह यादव के पोते तेज प्रताप यादव और अनुजेश यादव के बीच आमना-सामना होगा. ऐसे में यहां अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा दांव पर होगी.
2022 के विधानसभा चुनाव में सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी पर समाजवादी पार्टी ने कब्जा किया था, जबकि भाजपा ने फूलपुर, गाजियाबाद और खैर पर जीत दर्ज की थी. वहीं, रालोद ने मीरापुर सीट जीती थी और निषाद पार्टी मझवां सीट पर विजयी हुई थी.
उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव आगामी 13 नवंबर को होगा और परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. इनमें से सीसामऊ को छोड़कर बाकी सीटों से विधायकों ने लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. सीसामऊ सीट से विधायक रहे इरफान सोलंकी एक आपराधिक मामले में सजा सुनाए जाने के कारण विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य हो गए हैं.
इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सभी नौ सीटों पर हो रहे उपचुनाव में सपा के चुनाव चिह्न 'साइकिल' पर इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के उम्मीदवार उतारने का बुधवार रात को ऐलान किया था. उन्होंने इसके बाद बृहस्पतिवार को कांग्रेस के साथ एकजुटता दिखाने के लिए हुए सोशल मीडिया पर राहुल गांधी के साथ अपनी एक तस्वीर साझा की और कहा कि दोनों दलों ने संविधान, आरक्षण और सौहार्द को बचाने का संकल्प लिया है. यादव ने 'एक्स' पर कहा, 'हमने ये ठाना है, संविधान, आरक्षण, सौहार्द बचाना है. बापू - बाबासाहेब - लोहिया के सपनों का देश बनाना है.'
हमने ये ठाना है ‘संविधान, आरक्षण, सौहार्द’ बचाना है
‘बापू-बाबासाहेब-लोहिया’ के सपनों का देश बनाना है pic.twitter.com/Uzy2S2RTLn— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 24, 2024
सपा प्रमुख ने लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ अपनी एक तस्वीर भी साझा की है जिसमें दोनों नेता एक - दूसरे का हाथ उठाए एकजुटता प्रदर्शित कर रहे हैं. यादव ने बुधवार को 'एक्स' पर कहा था, 'बात सीट की नहीं जीत की है. इस रणनीति के तहत इंडिया गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी सभी नौ सीटों पर समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ के निशान पर चुनाव लड़ेंगे.' (भाषा)