Heat Stroke in UP: उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और हीटवेव की वजह से अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है, जिसे देखते हुए योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है और पुख्ता इंतजाम किए हैं.
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Uttar Pradesh Heat Wave News: उत्तर प्रदेश लगातार हीटवेव की समस्या से जूझ रहा है और इस वजह से अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अस्पताल में मरीजों की लाइनें लंबी हो गई हैं, जिस वजह से कई जगहों पर मरीजों को बेड मिलने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इस समस्या से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा कदम उठाया है और पुख्ता इंतजाम किए हैं. यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने सभी सरकारी अस्पतालों के सीएमओ और सीएमएस को हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए आपातकालीन विभाग में 10-15 बेड आरक्षित करने और डायरिया सहित गर्मी से होने वाली बीमारियों उल्टी, बुखार और पेट दर्द से पीड़ित मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाने को कहा है.
आईसीयू में रिजर्व होने चाहिए दो बेड
यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने कहा, 'अस्पतालों में 10-15 बेड के अलावा आईसीयू में कम से कम दो बेड आरक्षित होने चाहिए. साथ ही उन्होंने अधिकारियों को रोगसूचक उपचार की शीघ्र उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा उल्टी, पेट दर्द एवं गैस के लिए ग्लूकोज, ओआरएस एवं दवा की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए.
मरीजों के लिए गर्मी से सुरक्षा के इंतजाम
ब्रजेश पाठक ने जोर देकर कहा कि अस्पतालों को मरीजों को गर्मी से सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. इसे पूरा करने के लिए, पंखे, कूलर, एयर कंडीशनर आदि चालू होने चाहिए, और यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में वाटर कूलर स्थापित किए जाने चाहिए कि मरीजों को ठंडा और साफ पानी मिलने में कोई असुविधा न हो.
लगातार बढ़ रहे हैं हीट स्ट्रोक के मामले
इस बीच, लगातार उत्तर प्रदेश में गर्म हवाओं के कारण डिहाइड्रेशन, डायरिया, अपच और हीट स्ट्रोक के मामले बढ़ रहे हैं, विशेषज्ञों ने लोगों को धूप से बचने और खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए आगाह किया है. ऐसे मामलों से निपटने के लिए आवश्यक दवाओं का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सरकारी डॉक्टरों को भी सलाह दी गई है. उन्हें गर्मी के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और कॉमरेडिटी वाले लोगों जैसे सबसे ज्यादा जोखिम वाले लोगों के स्वास्थ्य को सबसे पहले रखने के लिए कहा गया है.
रोजाना सामने आ रहे हैं इतने मामले
सरकारी अस्पतालों के बाह्य रोगी विभागों (OPD) और आंतरिक रोगी विभागों (IPD) के अधिकारियों के अनुसार, हाल के दिनों में निर्जलीकरण, दस्त, अपच और तापघात के मामलों में काफी वृद्धि हुई है. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में रोजाना लू लगने के तीन से चार मामले सामने आते हैं. इसके अलावा हर दिन डिहाइड्रेशन, डायरिया, अपच और लो ब्लड प्रेशर के भी 80 से 100 मामले सामने आ रहे हैं. यह एक सप्ताह पहले के आंकड़ों के विपरीत है जब ऐसे मामलों की संख्या 20 से 30 थी.
लोकबंधु अस्पताल में प्रतिदिन आने वाले लगभग 700 मरीजों में से 120 से 150 ऐसे लोग गर्मी से संबंधित बीमारियों वाले आ रहे हैं. खास बात यह है कि महज 10 दिन पहले भी इसी तरह की समस्या से सिर्फ 40-50 लोग प्रभावित हो रहे थे. एसपीएम सिविल और बलरामपुर अस्पतालों में एक सप्ताह से भी कम समय में गर्मी की बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या प्रतिदिन 50 से बढ़कर 150 हो गई है.
गर्मी में इन चीजों को खाने से बचें
प्रोफेसर के.के. केजीएमयू मेडिसिन विभाग के गुप्ता ने कहा कि जंक फूड और बीजों के अत्यधिक सेवन से लोगों के पेट में तेज दर्द और उल्टी हो रही है, इसके परिणामस्वरूप अपच हो रही है. उन्होंने कहा, लोगों के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि गर्म मौसम पेट खराब कर सकता है.
(इनपुट- न्यूज एजेंसी आईएएनएस)