Mahakumbh 2025: महाकुंभ में चलते-फिरते अस्पताल में होगा मरीजों का इलाज, 12 मिनट में तैयार हो जाएगा 'भीष्म'
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Mahakumbh 2025: महाकुंभ में चलते-फिरते अस्पताल में होगा मरीजों का इलाज, 12 मिनट में तैयार हो जाएगा 'भीष्म'

Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुम्भ 2025 में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए "भीष्म क्यूब" नामक अत्याधुनिक चलता-फिरता अस्पताल तैनात किया जा रहा है. यह मोबाइल अस्पताल मात्र 12 मिनट में तैयार होकर एक साथ बहुत मरीजों का इलाज करने में सक्षम है और आपात स्थिति में एयरड्रॉप भी किया जा सकता है.

Mahakumbh mela 2025

Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुम्भ 2025 में लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और आपात स्थितियों में तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए योगी सरकार ने व्यापक प्रबंध किए हैं. इन तैयारियों में सबसे अनूठी पहल "भीष्म क्यूब" नामक एक अत्याधुनिक चलता-फिरता अस्पताल की तैनाती है.

एक साथ 200 मरीजों का इलाज कर सकता है "भीष्म क्यूब"
यह मोबाइल अस्पताल, जो महाकुम्भ में पहली बार उपयोग में लाया जा रहा है, अपनी अत्याधुनिक तकनीक और तेज़ी से तैनाती की क्षमता के चलते आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में क्रांतिकारी साबित हो सकता है. संयुक्त निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य, प्रयागराज, डॉ. वी.के. मिश्रा ने बताया कि "भीष्म क्यूब" (बैटलफील्ड हेल्थ इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर मेडिकल सर्विसेज) की एक यूनिट एक साथ 200 मरीजों का इलाज कर सकती है. यह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल मात्र 12 मिनट में तैयार होकर चिकित्सा सेवा देने के लिए सक्षम हो जाता है.

पूरी तरह है वॉटरप्रूफ
भीष्म क्यूब में सर्जिकल और डायग्नोस्टिक टूल्स के साथ-साथ रोगी देखभाल की सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं. इसे भारतीय वायुसेना, स्वास्थ्य सेवा संस्थानों और डिफेंस टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों के सहयोग से विकसित किया गया है, और यह पूरी तरह वॉटरप्रूफ और मजबूत संरचना में उपलब्ध है.

भीष्म क्यूब का डिज़ाइन
डॉ. मिश्रा ने यह भी बताया कि भीष्म क्यूब का डिज़ाइन ऐसा है कि इसे हाथ, साइकिल, और ड्रोन जैसे साधनों से भी ले जाया जा सकता है. आपातकालीन स्थिति में इसे विमान से एयरड्रॉप कर तुरंत उपयोग में लाया जा सकता है. इस चलते-फिरते अस्पताल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीकों का समन्वय किया गया है, जो चिकित्सा सेवाओं का कुशल प्रबंधन और वास्तविक समय में निगरानी संभव बनाता है.

PM ने जेलेंस्की को भी भीष्म क्यूब की कुछ यूनिट्स भेंट की है
भीष्म क्यूब का उपयोग पहली बार 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में किया गया था. इसकी सफलता के बाद अब इसे महाकुम्भ में भी तैनात किया जा रहा है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में श्रद्धालुओं को समय पर और प्रभावी चिकित्सा सेवाएं मिल सकें. गौरतलब है कि इसी वर्ष अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी यूक्रेन यात्रा के दौरान राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को भीष्म क्यूब की कुछ यूनिट्स भेंट की थीं, जिससे इसकी अंतरराष्ट्रीय सराहना भी हुई है.

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