NDRF in Mahakumbh 2025: महाकुंभ में जब 'भगवान' बनकर आई NDRF! गंगा में डूब रहे 9 लोगों की बचा ली जिंदगी
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NDRF in Mahakumbh 2025: महाकुंभ में जब 'भगवान' बनकर आई NDRF! गंगा में डूब रहे 9 लोगों की बचा ली जिंदगी

NDRF News in Prayagraj Mahakumbh 2025: यूपी के प्रयागराज महाकुंभ में NDRF और SDRF के जवान लोगों के लिए देवदूत बने हुए हैं. शहर में अभी कुंभ शुरू भी नहीं हुआ कि इससे पहले NDRF ने गंगा में डूब रहे एक ही परिवार के 9 लोगों को बचाकर एक बड़ी मिसाल पेश कर दी.

NDRF in Mahakumbh 2025: महाकुंभ में जब 'भगवान' बनकर आई NDRF! गंगा में डूब रहे 9 लोगों की बचा ली जिंदगी

NDRF Action in Prayagraj Mahakumbh 2025: यदि आप महाकुंभ में आ रहे हैं तो नदी में डूबने की चिंता घर पर ही छोड़कर आइए. संगम में डुबकी लगाएंगे तो आपकी जान की फिक्र आप नहीं कोई और कर रहा है. आपदा को धूल चटाने वाले ये वो जांबाज हैं, जो प्रयागराज महाकुंभ में आपकी जिंदगी को बचाने का जिम्मा उठा रहे हैं. फोर्स ने कुंभ स्नान के दौरान गंगा में डूब रहे 9 लोगों को बचाकर इस मिशन की शुरुआत भी कर दी है. महराष्ट्र में एक ही परिवार के ये सभी 9 लोग गंगा स्नान के लिए आए थे. लेकिन जब NDRF ने इन्हें नया जीवन दिया तो कैसे उनके चेहरे खिल उठे क्योंकि NDRF की टीम ने उन्हें बचा लिया. ऐसे ही महाकुंभ में आने वाले हर श्रद्धालु की कीमती जान को बचाने का जिम्मा NDRF और SDRF की टीम ने उठाया है.

उत्तरप्रदेश की धरती सनातन के सबसे बड़े महापर्व की साक्षी बनने वाली है. प्रयागराज में महाकुंभ की आधिकारिक शुरुआत बस होने ही वाली है. साधु संतों ने डेरा डाल दिया है. भक्तों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. ऐसे में मेले के काउंटडाउन के बीच एजेंसियों ने अपनी फाइनल तैयारी को धार देने के साथ ही परख लिया है. NDRF और SDRF ने मॉकड्रिल के जरिए बता दिया कि किसी भी खतरे से वो कैसे निपटेंगे. अगर महाकुंभ में कोई आपदा या डूबने की नौबत आई तो वो आपको कैसे बचाएंगे.

महाकुंभ में NDRF बनेगी 'देवदूत'

NDRF के डीआईजी ने बताया कि अगर महाकुंभ में कोई अनहोनी होती है तो उसे टालने के लिए कैसे NDRF और SDRF मुस्तैद है. हमारे कंधों पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. डूबते हुए लोगों को बचाने, नाव डूबने पर रेस्क्यू करने और किसी भी तरह की आपदा की स्थिति से निपटना हमारा सबसे बड़ा फोकस रहेगा. हम कैसे श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराएंगे, इन सब बातों को ध्यान रखते हुए तैयारियां जारी हैं.))

एजेंसी की तैयारियां भी कोई ऐसी वैसी नहीं बल्कि फुलप्रूफ है. जो गंगा की तेज धार में भी आपकी जिंदगी का रक्षा कवच बनेगी. इसीलिए NDRF ने ताबड़तोड़ तरीके से अपनी ताकत को धार दी है. जब महाकुंभ शुरू होने में चंद घंटे बचे हैं. तब NDRF और SDRF के जांबाजों ने दिखाया कि कैसे वो श्रद्धालुओं की जान बचाएंगे.

महाकुंभ में देखिए कैसे बचेगी जान?

महाकुंभ शुरू होने से पहले फाइनल प्लानिंग को चेक किया गया. पहले NDRF ने मॉकड्रिल की और अपने आधुनिक उपकरणों से NDRF की टीम ने संगम के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा तैयारियों को परखा. उसके बाद SDR भी पानी में उतरी. NSG, यूपी पुलिस के साथ सुरक्षा एजेंसियों को पानी में सुरक्षा घेरा बनाने में मदद की. 

महाकुंभ में फाइनल मॉकड्रिल!   

NDRF और SDRF की टीमें ना सिर्फ लोगों को बचाने के लिए तैयार हैं बल्कि महाकुंभ की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों के लिए भी खतरे की घंटी है. जो बाकी एजेंसियों की मदद के लिए भी तत्पर हैं यानी अपना काम बखूबी करेंगे और दूसरों की मदद भी करेंगे. इसके लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के कई अस्त्र हैं. जो लोगों की जान बचाने में काम आएंगे.

महाकुंभ में NDRF के 'अस्त्र'!

महाकुंभ में अंडर वॉटर ड्रोन से नजर मॉनिटरिंग की जाएगी. सोनार सिस्टम के जरिए खतरों का पता लगाया जाएगा. लाइफ सेविंग जैकेट के जरिए लोगों की जान बचाई जाएगी. डाइविंग किट के साथ NDRF के जवान नदी में गोता लगाएंगे. ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ गहराई में जाकर खोजबीन में मदद मिलेगी. अंडर वॉटर कैमरे से पानी के भीतर की तस्वीरें और हलचल देख सकेंगे. 

NDRF जब 'भगवान' बनकर आई!

NDRF के डीआईजी ने बताया कि हमारी टीम में स्पेशल डाइवर्स हैं और ट्रेन तैराक हैं. इसके अलावा स्पीड बोट की भी व्यवस्था की गई है, जो न केवल दिन के समय बल्कि रात के समय भी लोगों को रेस्क्यू करेगा. इसके अलावा पानी के अंदर के लिए हमारे पास अंडरवॉटर टॉर्च भी है. उन्होंने बताया कि फोर्स ने कुंभ स्नान के दौरान गंगा में डूब रहे 9 लोगों को बचाकर इस मिशन की शुरुआत भी कर दी है. 

NDRF ने मॉकड्रिल में क्या परखा?

कोई डूब रहा है तो कैसे बचाना है? नाव पलटती है तो कैसे रेस्क्यू होगा? 24 घंटे मॉनिटरिंग किस तरह करेंगे? आपदा के दौरान क्विक रिस्पॉन्स कैसे करेंगे? श्रद्धालुओं के लिए कैसे सुरक्षित माहौल देंगे? घाटों के आसपास किस तरह तैनाती होगी? यानि रियल टाइम मॉनिटरिंग के साथ तुरंत मदद के लिए जलवीर तैयार हैं. महाकुंभ में 40 करोड़ से ज्यादा लोग आएंगे, जो त्रिवेणी में डुबकी लगाएंगे. ऐसे में उनके साथ कोई अनहोनी ना हो. इसके लिए NDRF और उसके साथी पूरी तरह मुस्तैद हैं. जो हर हालात से निपटने का माद्दा रखते हैं.

(शरद अवस्थी, ज़ी मीडिया, प्रयागराज की रिपोर्ट)

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