UP News: यूपी में रजिस्ट्री की एक रेट लिस्ट ! धांधली रोकने के लिए योगी सरकार का बड़ा कदम
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UP News: यूपी में रजिस्ट्री की एक रेट लिस्ट ! धांधली रोकने के लिए योगी सरकार का बड़ा कदम

UP News : यूपी वालों को बहुत अच्छी खबर सामने आई है. अभी अलग-अलग जिलों में रजिस्ट्री फीस अलग होते हैं, लेकिन आने वाले दिनों में पूरे उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्री फीस एक होगी.

UP News: यूपी में रजिस्ट्री की एक रेट लिस्ट ! धांधली रोकने के लिए योगी सरकार का बड़ा कदम

UP News, लखनऊ : यूपी की जनता को जल्द ही एक बड़ी सुविधा मिलने जा रही है. बताया जा रहा है कि यहां रजिस्ट्री की प्रक्रिया आसान हो और प्रॉपर्टी के क्रेता-विक्रेता को खुद पता लग जाए कि कितना स्टांप लगेगा, इसके लिए स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन विभाग पूरे प्रदेश के लिए एक रेट लिस्ट बनाने की तैयारी कर रहा है. ये रेट लिस्ट पूरे प्रदेश में लागू होगी. इस रेट लिस्ट के बाद अलग-अलग जिलों में रजिस्ट्री के समय अलग-अलग स्टांप लगाने और क्रेता-विक्रेता के उत्पीड़न को खत्म करना संभव होगा. पूरे प्रदेश में एक रेट लिस्ट बनाने के लिए स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन मुख्यालय ने सभी सब-रजिस्ट्रार से सुझाव मांगे हैं. अभी तक हर जिले की अपनी अलग-अलग रेट लिस्ट होती है, जिसका निर्धारण DM करते हैं. विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक सेंट्रलाइज्ड रेट लिस्ट जारी होने के बाद भी जिले में सर्किल रेट तय करने का अधिकार DM के पास ही होगा.

सॉफ्टवेयर हो रहा तैयार
अब तक किसी प्रॉपर्टी की खरीद पर कितना स्टांप लगेगा, ये क्रेता-विक्रेता के लिए मुश्किल टास्क था. इसके लिए क्रेता-विक्रेता को सब रजिस्ट्रार ऑफिस या वकीलों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. इस समस्या के समाधान के लिए विभाग एक सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है. इस सॉफ्टवेयर पर प्रॉपर्टी की डिटेल डालने पर प्रॉपर्टी की मिल्कियत और स्टांप फीस का पता लग जाएगा. 

प्रदेश भर के अफसरों की बैठक
मंगलवार को स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन मंत्री ने पूरे प्रदेश में एक रेट लिस्ट बनाने के लिए प्रदेश के सभी अधिकारियों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में अधिकारियों से राय लेने के बाद एक समान रेट लिस्ट का प्रस्ताव कैबिनेट में मंजूरी के लिए जाएगा. दरअसल, हर जिले में अलग-अलग रेट लिस्ट होने की वजह से क्रेता-विक्रेता के उत्पीड़न की शिकायतें मिलती हैं. रेट लिस्ट में नियम अलग-अलग होने से किसी जिले में स्टांप फीस कम है, तो किसी जिले में ज्यादा. अधिकारी नियमों की अलग-अलग व्याख्या करते हैं, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है. ऑडिट के समय भी अलग-अलग रेट लिस्ट होने की वजह से ऑडिटर भी आपत्तियां उठाते हैं.

रेट लिस्ट में क्या होगा?
कितने एरिया पर कितने प्रतिशत स्टांप फीस वसूला जाएगा?
प्रॉपर्टी के सामने कितनी चौड़ी सड़क होने पर कितने प्रतिशत स्टांप लगेगा?
छोटी प्रॉपर्टी की खरीद बिक्री पर कितना स्टांप लगेगा?

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