Lucknow News In Hindi: रेस्क्यू टीमें कई कई अलग-अलग जगहों पर तैनात की गई है ताकि बाघ को पकड़ा जा सके. दरअसल, बाघ के भोर में चार बजे के करीब आने की संभावना है और शाम को अंधेरा में भी उसके आने की उम्मीद वन विभाग को है.
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Tiger in lucknow, लखनऊ: लखनऊ के इलाके में बाघ का दहशत बरकरार है. यहां के रहमान खेड़ा के जंगल में चहलकदमी करते बाघ की खोजबीन में 35 टीमों को लगाया गया है लेकिन बाघ है कि हाथ नहीं आ रहा है. बाघ को घेरने के लिए वन विभाग ने विभाग ने एक रणनीति बनाई थी जिसके तहत विभाग ने एक पड़वा को मचान के नीचे बांधा था ताकि जब पड़वा खाने के लिए बाघ वहीं पहुंचे तो उसको ट्रेंकुलाइज किया जा सके. बताया जा रहा है कि पड़वा को केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के ब्लॉक नंबर चार के करीब ही तीस फीट ऊंचे मचान के नीचे बांधा गया था.
इलाका डेंजर जोन घोषित
रविवार देर रात रहमान खेड़ा में वन विभाग की रणनीति तब फेल हो गई जब बाघ पड़वा को खींच ले गया. मचान पर बैठी टीम को इसकी कानों कान आहट भी नहीं हुई और बाघ एक झटके में बाघ ने पड़वा का शिकार कर डाला. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि सवाल खड़ा हो रहा है कि रेस्क्यू टीम पड़वा की आवाज तक नहीं सुन पाई, अब ऐसे प्रश्न उठते हैं कि कहीं मचान पर टीम सो तो नहीं गई थी. अब विभाग ने अपनी रणनीति पर फिर से काम करते हुए दूसरा पड़वा फिर से मचान के नीचे बांधा दिया है. इसके अलावा बाघ को लेकर रहमान खेड़ा से संबंधित इलाके को वन विभाग द्वारा डेंजर जोन घोषित कर दिया गया है.
रहमान खेड़ा क्रासिंग की ओर निकला बाघ
उधर, काकोरी के मीठेनगर में बीते रविवार की शाम को पहले तो बाघ ने सांड़ का शिकार किया और फिर सोमवार को उलरापुर गांव के पास रहमान खेड़ा जंगल में वह हर्बल अशोक वाटिका में देखा गया. यहां उसके पैरों के निशान भी देखे गए. संविदाकर्मी संजय यादव मजदूरों के साथ काम में लगे थे कि तभी रहमान खेड़ा क्रासिंग की ओर बाघ को जाते देखा गया. पहले तो उसे मजदूर छिप गए और फिर इस बारे में सूचना मिलते ही एसडीओ हरिलाल व उनकी टीम मौके पर आ पहुंची. हालांकि फिर बाघ नहीं देखा गया.
रेस्क्यू टीम की गाड़ियां ताकत
दूसरी ओर मीठेनगर में मृत सांड का शव को था लेकिन सोमवार को पहले वाली जगह पर नहीं पड़ा था यानी सांड को जंगल की तरफ बाघ खींच कर ले गया. देर शाम या बहुत सुबह में बाघ के आने की उम्मीद के साथ रेस्क्यू टीम की गाड़ी आ गई. पहले ही बाघ पांच किलों मांस खा चुका था और सांड के पांच किलो मांस भी उसने खाया था, अब टीम को ऐसी उम्मीद है कि एक दो दिन बीतने के बाद बाघ फिर से सांड का शव खाने आ सकेगा. सांड के शव को फिलहाल खंड़जा मार्ग पर झाड़ी के पास रख दिया गया है.
शाम के अंधेरा में या भोर में देखे जाने की उम्मीद
बताया जा रहा है कि रेस्क्यू टीम कई जगहों पर तैनात की गई है. उम्मीद है कि उसे शाम के अंधेरा में या भोर में देखा जा सके. लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है. रहमान खेड़ा से चार किलोमीटर दूर हलुवापुर गांव में बाघ ने सोमवार की सुबह ही नील गाय के बच्चे को अपना शिकार बनाया लेकिन उसे खाया नहीं. वहीं, किसी न किसी गांव में बाघ को देखे जानें की सूचना मिल रही है ऐसे में संबंधित इलाके को डेंजर जोन घोषित कर दिया गया है.
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