Bank Locker Rules: सवा करोड़ के गहने और मुआवजा आठ लाख...लखनऊ बैंक लॉकर में सेंधमारी कैसे ग्राहकों पर पड़ी भारी
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Bank Locker Rules: सवा करोड़ के गहने और मुआवजा आठ लाख...लखनऊ बैंक लॉकर में सेंधमारी कैसे ग्राहकों पर पड़ी भारी

Bank Locker Rules: नियम के मुताबिक ग्राहक को लॉकर किराए से 100 गुना ज्यादा मुआवजा दिया जाता है. सुनने में ऐसे यह रकम बड़ी लग सकती है लेकिन ग्राहकों का नुकसान इससे कई गुना ज्यादा हो सकता है.

Bank Locker Rules

Bank Locker Rules: लखनऊ में दो दिन पहले इंडियन ओवरसीज बैंक में हुई डकैती से ग्राहक सन्न रह गए. बदमाशों की लॉकर से हुई लूट की घटना सुर्खियों में बनी हुई है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल लॉकर में रखे बेशकीमती सामान के मुआवजे की राशि को लेकर है. नियम के मुताबिक ग्राहक को लॉकर किराए से 100 गुना ज्यादा मुआवजा दिया जाता है. सुनने में ऐसे यह रकम बड़ी लग सकती है लेकिन ग्राहकों का नुकसान इससे कई गुना ज्यादा हो सकता है.

बैंक लॉकर कितना मुआवजा
बैंक लॉकर से जुड़ी सुविधाओं में हाल में आरबीआई ने किराए से लेकर सिक्योरिटी के नियमों में बदलाव किया है. लॉकर का किराया बैंक और उसकी शाखा, साइज और जगह पर निर्भर करता है. मोटामाटी देखें तो बड़े लॉकरों का शहरी क्षेत्र में अधिकतम किराया 8000 रुपये तक हो सकता है. बैक लॉकर नियम के मुताबिक धोखाधड़ी, आग या बिल्डिंग ढह जाने की स्थिति में बैंकों की जिम्मेदारी लॉकर के वार्षिक किराए का 100 गुना तक होगी.

फायदा कम नुकसान ज्यादा
इसे उदाहरण से समझते हैं. मान लीजिए किसी शख्स ने बैंक में 50 लाख की ज्वेलरी रखी है. इसके लिए शहरी क्षेत्र में वह 8000 रुपये हर साल लॉकर का किराया देता है. ऐसे में उसे अगर 100 गुना ज्यादा मुआवजा भी मिले तो भी यह रकम 8 लाख तक ही पहुंचती है. यानी इसमें ग्राहक का फायदा कम नुकसान ज्यादा दिख रहा है. इस विषय को लेकर हमने वॉयस ऑफ बैंकिंग के संस्थापक अश्वनी राणा से बातचीत की. उन्होंने लॉकर से जुड़े नियमों और सावधानियों के बारे में बताया.

ये सावधानियां जरूरी
अश्वनी राणा ने कहा, बैंक की गलती पर ग्राहकों को जो नुकसान की भरपाई नहीं करता है, उसकी एक सीमा है. एक साल का जो लॉकर रेंट है. उसका 100 गुना से ज्यादा मुआवजा नहीं मिलेगा. ऐसे में जिसने लाखों और करोड़ों में ज्वेलरी रखी है उसका क्या होगा. इसलिए बैंक चुनते समय और लॉकर को सेलेक्ट करते समय ध्यान रखें कि बैंक का लॉकर जिस ब्रांच में है वह अनजान या ऐसी जगह पर न हो जहां पब्लिक का आना-जाना कम हो. लॉकर उस जगह लें जहां आपकी पहुंच आसान हो. लॉकर में सामान रखने पर इसकी लिस्ट बना लें और इसकी फोटो भी ले लें और हो सके तो इसका इंश्योरेंस भी करा लें. जिससे उसका मुआवजा मिल सके.

बैंक ने दिया ग्राहकों को भरोसा
वहीं, ओवरसीज बैंक ने डकैतीकांड पर खेद व्यक्त किया है. साथ ही ग्राहकों को भरोसा दिलाया है कि उनकी चिंताओं को दूर कर मदद की जाएगी. बैंक ने आश्वासन दिया है कि पुलिस ने एनकाउंटर के बाद बदमाशों से ज्वेलरी, कैश बरामद कर लिया है. बैंक की ओर से कहा गया कि ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं.

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