Jaunpur News: जौनपुर में मुगलकालीन शाही पुल के ताखे की दीवार के पीछे महाकाली की मूर्ति होने के दावे के बाद नया विवाद शुरू हो गया है. जहां एक मंदिर के पुजारी और उनके समर्थकों ने अल्टीमेटम दिया तो वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों ने पूजा-पाठ शुरू कर दी है. जानिए पूरा मामला
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Jaunpur News: संभल में प्राचीन मंदिर मिलने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि अब जौनपुर में नया विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल, यहां मुगलकालीन शाही पुल के ताखे की दीवार के पीछे महाकाली की मूर्ति होने का दावा किया गया है. जिसके चलते विवाद शुरू हो गया है. एक मंदिर के पुजारी स्वामी अंबुजानंद और उनके समर्थकों ने प्रशासन को अल्टीमेटम दे दिया है. उनका कहना है कि अगर दो दिन में प्रशासन दीवार नहीं तोड़ेगा तो वे खुद दीवार को ढहा देंगे. इस पूरे मामले में प्रशासन ने पुरातत्व विभाग से संपर्क करने की बात कही. वहीं, स्थानीय लोगों ने यहां पूजा-पाठ भी शुरू कर दिया है.
मां काली की पूजा-पाठ
जहां मां काली की मूर्ति होने का दावा किया गया है, वहां स्थानीय लोगों ने पूजा-पाठ शुरू कर दिया है. मां काली की जयकारे के साथ धूमधाम से लोगों ने पूजा-पाठ किया. दावा है कि मां काली के मंदिर को पत्थरों से ढक दिया गया है. स्थानीय लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द पत्थरों को हटाया जाए. ताकि मंदिर में सुचारू रूप से पूजा पाठ हो सके. उनका साफ तौर पर कहना है कि अगर 2 दिन के भीतर जिला प्रशासन ने इसे नहीं खुलवाया तो हम खुद पत्थर को तोड़कर पूजा पाठ शुरू कर देंगे. इस मंदिर पर किसी तरह का कोई विवाद नहीं है. भले ही मंदिर बंद है, लेकिन लोग बाहर से ही पूजा पाठ कर रहे हैं.
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क्या है ये पूरा मामला?
स्वामी अंबुजानंद का दावा है कि शाही पुल निर्माण से चार सदी पहले 12 वीं शताब्दी में मंदिर था. जहां भक्त नियमित रूप से पूजन-अर्चन करते थे. कुछ सालों पहले प्रशासन ने इसे दीवार से ढकवा दिया था. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन दीवार तुड़वाए, तभी स्पष्ट होगा कि उसके पीछे मूर्ति है या नहीं. अगर मूर्ति नहीं होगी तो तुरंत पुन: दीवार का निर्माण कराकर बंद कर दिया जाएगा. स्वामी अंबुजानंद ने कहा कि अगर दो दिन में प्रशासन ने ऐसा नहीं किया तो हिंदू वर्ग के लोगों को लामबंद कर मैं खुद दीवार ढहा दूंगा.
क्या बोले सिटी मजिस्ट्रेट?
स्वामी अंबुजानंद यहीं नहीं रूके उन्होंने आगे कहा कि अगर मूर्ति हुई तो जिला प्रशासन को नियमित पूजन-अर्चन की अनुमति देनी होगी. इसके लिए मैं जेल भी जाने को तैयार हूं. इस पूरे मामले में जब सिटी मजिस्ट्रेट इंद्र नंदन सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि ऐसा मामला मेरे संज्ञान में नहीं है. विवाद के समाधान और स्थिति स्पष्ट करने के लिए पुरातत्व विभाग से संपर्क किया जाएगा. ऐसे ही कोई दीवार कैसे तोड़ सकता है. किसी को भी शांति व्यवस्था में खलल डालने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
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