करोड़ों की कीमत पर कौड़ियों में किराया, लखनऊ के पॉश इलाके में नामी होटलों और दुकानों की जमीन वापस लेगी योगी सरकार
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करोड़ों की कीमत पर कौड़ियों में किराया, लखनऊ के पॉश इलाके में नामी होटलों और दुकानों की जमीन वापस लेगी योगी सरकार

Lucknow News: लखनऊ के पॉश इलाके में नामी होटलों और दुकानों की जमीन को योगी सरकार ने वापस लेने की कवायद शुरू कर दी है. इन संपत्तियों का सर्वे शुरू कर दिया गया है. जिसकी रिपोर्ट शत्रु संपत्ति अभिरक्षण कार्यालय की टीम तैयार कर रही है.

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Lucknow News: लखनऊ के हजरतगंज इलाके के कई व्यापरियों को झटका लग सकता है. यहां के कई बड़े शोरूम की जमीन को योगी सरकार वापस लेने की तैयारी कर ली है. प्राइम लोकेशन पर मामूली किराए पर दिए गए कई बड़े शोरूम, रेस्टोरेंट व्यापारियों से वापस लिए जाएंगे. इन संपत्तियों का सर्वे शुरू कर दिया गया है. जिसकी रिपोर्ट शत्रु संपत्ति अभिरक्षण कार्यालय की टीम तैयार कर रही है.

सर्वे के बाद लगेगा बोर्ड
जानकारी के मुताबिक जिला प्रशासन, एलडीए और शत्रु संपत्ति अभिरक्षण कार्यालय की टीम सर्वे के बाद मंगलवार को इन बिल्डिंग पर अपनी संपत्ति होने का बोर्ड लगाएगी. सर्वे में जमीनों का सीमांकन किया जा रहा है. इसके बाद वहां एलडीए बोर्ड लगा रहा है. हलवासिया बिल्डिंग पर भी सर्वे के बाद एलडीए अपना बोर्ड लगा चुका है.

शत्रु संपत्तियां निशाने पर
शत्रु संपत्ति अभिरक्षण कार्यालय की रडार पर हजरतगंज की कई शत्रु संपत्तियां हैं. इन इमारतों का सर्वे किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि करीब दो दर्जन से ज्यादा ऐसी संपत्तियां हैं, जो अभिरक्षक कार्यालय के दायरे में आती हैं. इनकी नाप जोख कराने की तैयारी की जा रही है.

इन 11 बिल्डिंग का भी होगा सर्वे
कपूर होटल, रायल कैफे होटल, कोहली ब्रदर्स और नीता बहल के शोहरूम सहित जनपथ की 11 दुकानों का सर्वे भी किया जाएगा. आज लखनऊ विकास प्राधिकरण, शत्रु संपत्ति अभिरक्षण कार्यालय की टीम इन बिल्डिंग का सर्वे करेगी. जमीन पैमाइश होगी. इनको चिन्हित किया जाएगा और इसके बाद यहां अपनी संपत्ति का होना का बोर्ड लगाया जाएगा.

क्या है पूरा मामला?
शत्रु संपत्तियों की लीज का उल्लंघन करने वाली दुकानों और निर्माण को अभिरक्षण कार्यालय कब्जे में लेगा. इनकी लीज खत्म होते ही यह संपत्ति अभिरक्षण कार्यालय की हो जाएगी. इनकी लीज का रिन्यूबल नहीं किय जाएगा. शत्रु संपत्तियों को किराए पर लीज पर दिया गया था. लेकिन कई दुकानदारों ने दुकानें बेच दीं तो कुछ ने किराए पर दे दिया. जबकि कई ने शर्तों का उल्लंघन करते हुए न केवल बड़े पैमाने पर अनाधिकृत निर्माण कराए बल्कि  इनके मूलरूप से भी छेड़छाड़ की.

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