UP Vidhansabha Chunav 2022: चांदपुर के मतदाताओं के लिए पार्टी नहीं प्रत्याशी मायने रखते हैं, जानिए इस सीट का इतिहास
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand979549

UP Vidhansabha Chunav 2022: चांदपुर के मतदाताओं के लिए पार्टी नहीं प्रत्याशी मायने रखते हैं, जानिए इस सीट का इतिहास

 बिजनौर जिले की 8 विधानसभा सीटों में से एक है चांदपुर. दिल्ली से एनएच 24 के जरिए लगभग 150 किलोमीटर का सफर तय कर आप आप चांदपुर पहुंच सकते हैं. इस क्षेत्र को चांदपुर स्याऊ के नाम से भी जाना जाता है. यहां पर कभी स्याऊ नाम की रियासत थी जिसके राजा गुलाब सिंह थे. 

बिजनौर जिले की 8 विधानसभा सीटों में से एक है चांदपुर.

बिजनौर: बिजनौर जिले की 8 विधानसभा सीटों में से एक है चांदपुर. दिल्ली से एनएच 24 के जरिए लगभग 150 किलोमीटर का सफर तय कर आप आप चांदपुर पहुंच सकते हैं. इस क्षेत्र को चांदपुर स्याऊ के नाम से भी जाना जाता है. यहां पर कभी स्याऊ नाम की रियासत थी जिसके राजा गुलाब सिंह थे. उनके नाम पर चांदपुर में गुलाब सिंह डिग्री कॉलेज भी है जिसकी स्थापना उनकी पत्नी ने 1962 में की थी. यह इलाका कभी गुड़ के कारोबार का गढ़ था. इस इलाके में बड़ी तादाद में कोल्हू और क्रेशर हुआ करते थे. आज भी यहां भूरा (बारीक चीनी) और बताशे की काफी दुकाने हैं.

साल 1956 के परिसीमन में चांदपुर को विधानसभा सीट बनाया गया और 1957 में यहां पहली बार चुनाव हुआ जिसमें निर्दलीय उम्मीदवार नरदेव सिंह ने जीत हासिल की. वह अगले दो चुनावों में भी इस सीट से विधायक रहे. चांदपुर विधानसभा सीट पर कभी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा. शिक्षा की बात करें तो चांदपुर में इंटर कॉलेज और डिग्री कॉलेज हैं. वहीं स्वास्थ्य व्यवस्था की बात करें तो कस्बे में एमबीबीएस डॉक्टर मिल जाएंगे, लेकिन किसी गंभीर बीमारी या आपातकाल की स्थिति में इलाज कराने के लिए यहां के लोगों को जिला मुख्यालय, मेरठ या मुरादाबाद जाना पड़ता है. योगी सरकार जिले में मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो रहा है.

UP Vidhansabha Chunav 2022: नहटौर सीट 2008 में अस्तित्व में आई, अब तक दो विधानसभा चुनाव देखे हैं

चांदपुर विधानसभा सीट पर धार्मिक-जातिगत समीकरण
वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक चांदपुर विधानसभा क्षेत्र की आबादी लगभग 5 लाख की है. इसमें से एससी/एसटी आबादी लगभग 2.5 लाख के करीब और मुस्लिम आबादी 1.5 लाख के करीब है. बाकी जाट, यादव समेत अदर बैकवर्ड कास्ट के वोटर यहां मौजूद हैं. स्थानीय लोगों का दावा है कि जाती या धर्म फैक्टर यहां के चुनाव में ज्यादा मायने नहीं रखे.  लोग अपने उम्मीदवार के काम को देखते हैं. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, चांदपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल रजिस्टर्ड वोटर्स की संख्या 2,78,379 है. इनमें पुरुषों की संख्या 1,51,639 है जबकि महिला वोटर्स की संख्या 1,26,740 है.

चांदपुर विधानसभा सीट पर 2017 में ये रहा था नतीजा
यहां के मतदाताओं की पसंद हमेशा उम्मीदवार रहे हैं न कि कोई पार्टी. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि 1989 में जनता दल के टिकट पर तेजपाल चुनाव लड़े थे और जीते. इसके बाद तेजपाल ने 1993 का चुनाव निर्दलीय लड़ा और जीत गए. इसी तरह स्वामी ओमवेश 1996 में निर्दलीय जीते थे और फिर 2002 के चुनाव में वह राष्ट्रीय लोक दल से जीते. साल 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट बसपा के मोहम्मद इकबाल ने जीत दर्ज की. भाजपा 26 साल बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जीत दर्ज करने में सफल हुई. पार्टी की महिला उम्मीदवार कमलेश सैनी ने चांदपुर सीट पर कमल खिलाया. उनसे पहले 1991 के चुनाव में चांदपुर से अमर सिंह भाजपा के विधायक चुने गए थे.

वर्तमान भाजपा विधायक कमलेश सैनी के बारे में
भाजपा विधायक कमलेश सैनी का कहना है कि वह राजनीति में न आतीं तो समाजसेवा करतीं. उनके परिवार में पति हरिराज सिंह, चार बेटियां और एक बेटा है. उनका दावा है कि उन्होंने विधायक के तौर पर अपने क्षेत्र में आइटीआई, जीजीआइसी जैसे शिक्षण संस्थाओं का निर्माण कराया. बिजली की समस्या निवारण हेतु बिजली घर का निर्माण कराया. इसके अलावा मेरठ-बिजनौर को जोड़ने वाले पुल का भी निर्माण कार्य कराया. विधानसभा क्षेत्र में छोटे बड़े अनेक पुल बनवाये. चांदपुर विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का आभाव है. 

UP Vidhansabha Chunav 2022: श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के बाद से बिजनौर में BJP रही है मजबूत, जानिए इस सीट का इतिहास

लेकिन विधायक कमलेश सैनी की मानें तो यह योगी सरकार ही है जिसने बिजनौर जिले को मेडिकल कॉलेज दिया है. इसके पहले की सरकारों ने बिजनौर में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए कोई काम नहीं किया. अब मेडिकल कॉलेज का निर्माण तेज गति से हो रहा है और यह बहुत जल्द बनकर तैयार होगा. वह कहती है कि जनप्रतिनिधियों से जनता की अपेक्षा बढ़नी ही चाहिए क्योंकि हम उनके लिए ही क्षेत्र से चुनकर आये हैं. जनता ही जनार्दन होती है. विधायक को क्षेत्र का काम कराते रहना चाहिए. जनता के बीच जाकर हमें कोई दिक्कत नहीं होती.

WATCH LIVE TV

Trending news