UP Air Pollution: यूपी में छोटे शहरों की भी हवा खराब, वेस्ट यूपी के कई जिलों में प्रदूषण से दिल्ली जैसे गंभीर हालात
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UP Air Pollution: यूपी में छोटे शहरों की भी हवा खराब, वेस्ट यूपी के कई जिलों में प्रदूषण से दिल्ली जैसे गंभीर हालात

UP Air Pollution: उत्तर प्रदेश की हवाएं जहरीली हो रही है. कई इलाकों में कार्बन 9 गुना से ज्यादा हो गया है. पश्चिमी यूपी में वायु प्रदूषण कम नहीं हो रहा है. जानिए प्रदेश के किन जिलों में सांस लेना मुश्किल हो गया है?

UP Air Pollution

UP Air Pollution: उत्‍तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में इन दिनों हवा जहरीली हो गई है. सूक्ष्म और धूल कणों के साथ अब कार्बन मोनो ऑक्साइड की मौजूदगी बेहद खतरनाक हो गई है. कई इलाकों में इसकी मौजूदगी का अधिकतम स्तर 100 माइक्रोग्राम पर मीटर से भी ज्यादा हो गया है. वहीं, इसे 4.0 एमपीएम से ज्यादा नहीं होना चाहिए. गाजियाबाद और हापुड़ में एक्यूआई 400 के आसपास है. मेरठ में एक्यूआई 310 रिकॉर्ड किया गया है, जो खतरनाक श्रेणी में है. ऐसे कई जगहों पर प्रदूषण पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए घातक बना हुआ है. हालात ऐसे हैं कि बांदा, बहराइच, फैजाबाद, फतेहपुर जैसे जिलों में भी प्रदूषण बेतहाशा बढ़ रहा है. 

कौन है सबसे प्रदूषित शहर?
शहर                                 AQI स्‍तर 
गाजियाबाद                            390
नोएडा                                   359
मेरठ                                     312
लखनऊ                                298
आगरा                                  103
मुजफ्फरनगर                        297
सहारनपुर                              208
बुलंदशहर                             310
हापुड़                                   338
अलीगढ़                               147
इटावा                                  100
बांदा                                    175
फैजाबाद                              157
फतेहपुर                               183
गोरखपुर                               195
वृंदावन                                 146
मुरादाबाद                             120
रामपुर                                   91
बहराइच                               133
शाहजहांपुर                            77
बदायूं                                    77
बरेली                                    77
प्रयागराज                              92
वाराणसी                               71

गर्भवती मह‍िलाएं दें ध्‍यान 
जानकारों का कहना है कि एक्‍यूआई खराब श्रेणी में जाने से नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इससे संक्रमण और श्वास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. उनका कहना है कि जब प्रदूषण का स्तर 100 के ऊपर हो जाए तो गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर ही रहना चाहिए और बाहर जाने से बचना चाहिए. अगर बाहर जाना आवश्यक हो तो उन्हें एन95 मास्क पहनना चाहिए. घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल भी करें. 

कितना एक्‍यूआई स्‍तर ठीक?
जानकारी के मुताबिक, अगर किसी शहर का वायु प्रदूषण गुणवत्‍ता (AQI) 0 से 50 के बीच है तो उस शहर की हवा ठीक है. वहीं, अगर एक्‍यूआई का स्‍तर 51 से 100 के बीच है तो मध्‍यम है. इसके अलावा अगर एक्‍यूआई का स्‍तर 101 से 200 पहुंच जाए तो यह खराब है. एक्‍यूआई स्‍तर 201 से 300 पहुंचने पर यह स्‍वास्‍थ्‍य के लिए खतरनाक हो सकता है. 301 से 400 पहुंचने पर गंभीर हो सकता है. वहीं, 401 से 500 पहुंचने पर खतरनाक हो सकता है. 

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