Aligarh News: विश्व विख्यात अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में आज भी कई इमारतें ऐसी मौजूद हैं, जिन्हें देखकर आपकी आंखें थकेंगी नहीं. विश्वविद्यालय के कई ऐतिहासिक गेट ऐसे हैं जो अपने आप में एक अलग ही इतिहास समेटे हुए हैं.
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प्रमोद कुमार/अलीगढ़: विश्व विख्यात अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में आज भी कई इमारतें ऐसी मौजूद हैं, जिन्हें देखकर आपकी आंखें थकेंगी नहीं. विश्वविद्यालय के कई ऐतिहासिक गेट ऐसे हैं जो अपने आप में एक अलग ही इतिहास समेटे हुए हैं. हर एक गेट की कुछ न कुछ अलग ही ऐतिहासिक कहानी है. उन्हीं में से एक गेट आज भी मौजूद है, जो 147 वर्ष पुरानी ब्रिटिश शासन काल को याद करता है.
सरका-ए-खिताब नाम से जाने जाते हैं प्रतीक चिन्ह
बता दें, एएमयू के इस फैज़ गेट पर लाल पत्थरों से उभरी हुई आकृति से बने चिन्ह प्रतीक चिन्ह को सरका -ए-खिताब कहा जाता है. सन् 1888 में पहासू के नवाब फैज अली खान ने एएमयू के संस्थापक सर सैयद अहमद खां को यह बैच देकर सम्मानित किया था. फैज गेट पर बनी सरका- ए- खिताब बैच की आकृति का ओरिजिनल बैच आज भी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संग्रहालय में सुरक्षित मौजूद है.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व पीआरओ ने दी ये जानकारी
एएमयू में बने फैज़ गेट की जानकारी देते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व पीआरओ राहत अबरार बताते हैं कि अलीगढ़ यूनिवर्सिटी का जब कॉलेज बना, तब उस समय ज्यादातर डोनर्स थे. पहासू के नवाब फैज अली खान ने 1876 में यह गेट बनवाया था. कॉलेज 1977 में कायम हुआ, उससे पहले 75 में यह मदरसा बना था.
उन्होंने आगे कहा कि सर सैयद के वह करीबी दोस्तों में से थे तो उस समय जो सर का ख़िताब (सम्मानित उपाधि) मिलता था, उसमें यह बैच भी मिलता था. उस समय यह सर का ख़िताब वहां लगा दिया, यह इसकी तारीख है, करीब 147 साल पुराना बैच कहा जा सकता है. फैज़ गेट पर लगे हुए यह बैच ओरिजिनल नहीं है, यह उन ख़िताब की नकल है ओरिजिनल विश्वविद्यालय के संग्रहालय में सुरक्षित रखा है.
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