Priyanka Gandhi : कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी तेज कर दी है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी परनाना और देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की सीट से चुनाव लड़ सकती हैं. राहुल गांधी को लेकर भी घोषणा हो गई है.
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Priyanka Gandhi News: लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी में राजनीति सभी दलों ने अभी से कमर कसनी शुरू कर दी है. कांग्रेस भी अजय राय को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद फॉर्म में दिख रही है. राहुल गांधी के अमेठी लोकसभा सीट से दोबारा मैदान में उतरने की घोषणा के बाद अब प्रियंका गांधी के भी चुनाव लड़ने के संकेत मिल रहे हैं.
खबरों के मुताबिक, यूपी में प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस का होमवर्क तेज हो गया है. प्रदेश में कांग्रेस नेतृत्व प्रियंका गांधी के लिए राज्य की पांच सीटों पर होमवर्क कर रहा है. इसमें फूलपुर को पहले, प्रयागराज को दूसरे और वाराणसी को तीसरे स्थान पर रखा गया है
यूपी की अन्य दो सीटों का भी विकल्प ढूंढने पर काम तेज हो गया है. इन सीटों से कांग्रेस का गहरा नाता रहा है.
इन 5 सीटों का पूरा डेटा तैयार कर केंद्रीय चुनाव कार्यालय को भेजा जाएगा.इसमें हर सीट को लेकर जीतने की गुंजाइश अधिक होने की वजह भी बताई जाएगी.इसके लिए पार्टी आंतरिक रूप से संबंधित सीटों का सर्वे भी कराएगी.फूलपुर से खुद प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल चुनाव लड़ चुके हैं.
फूलपुर लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू तीन बार सांसद चुने गए थे. 16 लोकसभा चुनाव में केवल दो बार ही यहां बीजेपी को जीत हासिल हुई है. इसमें सात बार कांग्रेस ने ही चुनाव जीता है. कांग्रेस के बाद यह सीट सपा का गढ़ बन गई और छह बार उसने यहां से परचम फहराया.जबकि एक चुनाव बसपा और दो बार चुनाव जनता दल का कब्जा रहा है.
प्रयागराज लोकसभा सीट जो पहले इलाहाबाद लोकसभा सीट थी, वहां 7 बार कांग्रेस सांसद चुना गया है. जबकि 4 चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की है. वाराणसी भी लंबे समय तक कांग्रेस के वर्चस्व वाला इलाका रहा है. प्रियंका गांधी के रायबरेली लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ने के कयास लगातार लगाए जाते रहे हैं. माना जा रहा है कि खराब स्वास्थ्य के कारण सोनिया गांधी इस बार वहां से चुनाव नहीं लड़ेंगी.
गौरतलब है कि अजय राय को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के बाद कांग्रेस ने जमीनी स्तर पर लोकसभा चुनाव की तैयारी तेज कर दी है. घोसी विधानसभा उपचुनाव में सपा को समर्थन देकर भी कांग्रेस ने प्रदेश में गठबंधन की संभावनाएं खुली होने का संकेत दिया है. हालांकि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की ओर से अभी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई है.