काशी-मथुरा किनारे, यूपी में संभल-लखनऊ से बागपत तक मंदिर-मस्जिद विवाद का नया पिटारा खुला
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2524490

काशी-मथुरा किनारे, यूपी में संभल-लखनऊ से बागपत तक मंदिर-मस्जिद विवाद का नया पिटारा खुला

Uttar Pradesh ke Mandir Masjid Vivad: काशी की ज्ञानवापी और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद का विवाद तो सभी जानते हैं लेकिन हाल ही में यूपी में बहुत सी मस्जिदों को लेकर विवाद हो रहा है. अधिकतर मामलों में दावा है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई.

masjid

Mandir Masjid Controversy:  उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार की सुबह पत्थरबाजी और वाहनों में आगजनी की घटना हुई. यह तब हुआ जब सर्वे करने के लिए एक टीम शाही जामा मस्जिद के लिए चंदौसी शहर पहुंची थी. दरअसल हाल में एक स्थानीय अदालत ने सर्वे का आदेश दिया था. कोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया था कि 1526 में बनी मस्जिद एक मंदिर को ध्वस्त कर बनाई गई थी. इससे पहले भी मस्जिद में सर्वे हुआ था. सर्वे की एक रिपोर्ट 29 नवंबर तक अदालत को देनी है.

 

इस मामले में मस्जिद के सदर की ओर से मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने के दावे को खारिज किया गया है. उन्होंने कहा कि इस मस्जिद का निर्माण 1529 में बाबर द्वारा किया गया था. हालांकि मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि जिस स्थान पर आज मस्जिद खड़ी है, वहां पहले हरिहर मंदिर हुआ करता था. उनका कहना है कि बाबर ने मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण करवाया. इसी आधार पर हिंदू पक्ष ने अदालत में याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने मस्जिद में सर्वे का आदेश दिया. आइए आपको यूपी और उत्तराखंड के उन मस्जिद विवादों के बारे में बताते हैं जो हाल में चर्चा में आए हैं.

लखनऊ की टीले वाली मस्जिद - लखनऊ स्थित टीले वाली मस्जिद का मामला वर्षों से विवादों में है और अब अदालत में चल रहा है. ताजा मामले में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका देते हुए रिवीजन याचिका खारिज हुई है. दरअसल यहां हिंदू पक्ष ने लक्ष्मण टीला पर टीले वाली मस्जिद होने के खिलाफ मुकदमा दाखिल किया था. मुस्लिम पक्ष ने इसे चलने योग्य मानने से इनकार किया और इसे निचली अदालत में चुनौती दी, लेकिन यह याचिका खारिज कर दी गई. इसके बाद मामला ऊपरी अदालत में पहुंचा, जहां ADJ प्रथम ने भी मुस्लिम पक्ष की रिवीजन को खारिज कर दिया. कोर्ट के इस आदेश के बाद मामला अब निचली अदालत में चलेगा.

ताजमहल - साल 2015 में आगरा जिला अदालत में एक याचिका दायर की गई थी कि ताजमहल एक शिव मंदिर था और इसे तेजोमहालय के नाम से जाना जाता था. हालांकि केंद्र सरकार ने साफ किया था कि ताजमहल की जगह पर मंदिर होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं. यहां तक कि 2017 में आर्कियॉलजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने एक हलफनामे में कहा था कि ताजमहल एक इस्लामिक ढांचा है.

बागपत मस्जिद - बागपत में राजपुर खामपुर गांव की एक मस्जिद को लेकर भी एक विवाद है. यहां भी मामला अदालत पहुंचा हुआ है. यहां एक शख्स ने मस्जिद को अवैध बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका लगाई है. शख्स का दावा है कि मस्जिद तालाब की जमीन पर बनाई गई है. यहां तक कि कोर्ट ने भी मस्जिद को अवैध बताया है. जब प्रशासन ने कार्रवाई की तो एक पक्ष अदालत जहां पहुंचा और सरकारी फैसले को चुनौती दी.

बदायूं की शाही इमाम मस्जिद - विवादित मस्जिदों में बदांयूं की शाही इमाम मस्जिद भी है. ये 800 साल पुरानी है. ये मस्जिद मुस्लिम बादशाह शम्शुद्दीन इल्तुतमिश ने 1223 में बनवाई थी. इसमें तब से लगातार ही नमाज अता की जा रही है. इसका मामला भी अब कोर्ट में है. अखिल भारतीय हिंदू महासभा भी कहती है कि ये मस्जिद अवैध संरचना है. इसे 10वीं सदी में भगवान शिव के मंदिर को ध्वस्त करके बनाया गया था. याचिका में दावा किया गया कि इस जगह के असली मालिक हिंदू हैं, लिहाजा उन्हें यहां पूजा करनी चाहिए.

उत्तरकाशी मस्जिद विवाद - उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्थित बाड़ाहाट मस्जिद को लेकर विवाद है. जहां हिंदू संगठनों ने इसे अवैध बताते हुए ढहाने की मांग की है, वहीं प्रशासन ने इसे वैध घोषित किया है. प्रशासन का कहना है कि यह मस्जिद देश की आजादी से पहले की बनी हुई है.

यह भी पढ़ें-
यूपी की सबसे अमीर मस्जिद 500 किलो सोने से लदी, 300 साल पुरानी मस्जिद, 1857 की गदर के 73 शहीदों की कब्रें

 

Trending news