मुख्तार अंसारी ने जिला कोर्ट में खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर बाहर का खाना देने की इजाजत मांगी थी. इस पर गाजीपुर जिला अदालत ने मुख्तार को बांदा जेल में बाहर का भोजन उपलब्ध कराने की अनुमति दी थी.
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प्रयागराज: माफिया मुख्तार अंसारी को जेल से बाहर का खाना दिए जाने के खिलाफ दाखिल सरकार की अर्जी पर हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी है. पिछली सुनवाई पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार की याचिका पर जवाब मांगा था. हालांकि गुरुवार को सरकारी वकील ने जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा है. जिसके चलते कोर्ट अब इस मामले में 16 जून को अगली सुनवाई करेगा.
माफिया मुख्तार को लगता है कि जेल के अंदर उसके खिलाफ साजिश हो सकती है. मुख्तार को जेल में अपनी जान का खतरा लगता है. मुख्तार अंसारी ने जिला कोर्ट में खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर बाहर का खाना देने की इजाजत मांगी थी. इस पर गाजीपुर जिला अदालत ने मुख्तार को बांदा जेल में बाहर का भोजन उपलब्ध कराने की अनुमति दी थी.
सरकार ने की ये मांग
मुख्तार को जेल से बाहर का खाना दिए जाने पर यूपी सरकार और पुलिस डिपार्टमेंट को आपत्ति है. क्योंकि जेल मैनुअल के मुताबिक जो कैदी जेल में बंद होता है उसे जेल का ही खाना खाना पड़ता है. गाजीपुर जिला अदालत के इस फैसले को यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. सरकार ने अपराधिक इतिहास का हवाला देते हुए जेल से बाहर का खाना और अन्य सहूलियत बंद करने की मांग की है.
मुख्तार के वकीलों ने उठाए सवाल
वहीं, मुख्तार अंसारी के वकीलों ने राज्य सरकार की अर्जी की पोषणीयता पर सवाल उठाए हैं. मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता की तरफ से यह बार-बार कहा जा रहा है कि यूपी सरकार की तरफ से दाखिल याचिका ठीक नहीं है. उसकी वैधानिकता पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि वह याचिका सही नहीं है अब उच्च न्यायालय अगली सुनवाई में तय करेगा कि मुख्तार अंसारी को बाहर का खाना दिया जाए या फिर सरकार के मुताबिक उसे वही का खाना दिया जाए जैसे अन्य कैदियों को दिया जाता है.
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