मुख्‍तार अंसारी पर योगी सरकार का शिकंजा, माफिया के चचेरे भाई की 26 लाख की संपत्ति कुर्क, रिश्‍तेदारों और करीबियों में मची खलबली
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मुख्‍तार अंसारी पर योगी सरकार का शिकंजा, माफिया के चचेरे भाई की 26 लाख की संपत्ति कुर्क, रिश्‍तेदारों और करीबियों में मची खलबली

Mafia Mukhtar Ansari:  मुख्‍तार अंसारी ने पैतृक संपत्ति के बंटवारे में यूसुफपुर बाजार का एक भूखंड अपने चचेरे भाई मंसूर अंसारी के नाम कर दी थी, उसी भूखंड पर मंसूर अंसारी ने 18 दुकानों का निर्माण कर लिया था. रविवार को गैंगस्‍टर एक्‍ट के तहत कार्रवाई की गई.  

मुख्‍तार अंसारी पर योगी सरकार का शिकंजा, माफिया के चचेरे भाई की 26 लाख की संपत्ति कुर्क, रिश्‍तेदारों और करीबियों में मची खलबली

Mafia Mukhtar Ansari: माफिया मुख्‍तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. रविवार को मुख्तार अंसारी के चचेरे भाई मंसूर अंसारी की मोहम्मदाबाद स्थित 18 दुकानों को कुर्क कर दिया गया. इसकी कुल कीमत 26 लाख 18 हजार 25 रुपये बताई जा रही है. इसको जिला प्रशासन द्वारा मुनादी कराकर कुर्क किया गया है. इस कार्रवाई से माफिया के करीबियों, रिश्तेदारों और परिजनों में खलबली मची हुई है. 

एसडीएम के नेतृत्‍व में की गई कार्रवाई 
दरअसल, मुख्तार अंसारी के आईएस 191 गैंग के सदस्य चचेरे भाई मंसूर अंसारी के नाम से मोहम्मदाबाद में 18 दुकानें थीं, जो अवैध तरीके से अर्जित धन से बनाई गई थीं. इसे रविवार को एसडीएम मोहम्मदाबाद के नेतृत्व में एसपी ग्रामीण समेत भारी फोर्स की मौजूदगी में सील कर दिया गया. 

बंटवारे में मिली थी जमीन 
बताया गया कि 2020 में हुए पैतृक संपत्ति के बंटवारे में यूसुफपुर बाजार में मसूर अंसारी को एक भूखंड मिला था, उसी भूखंड पर मंसूर ने दुकानों का निर्माण व्यावसायिक दृष्टि से कराया था, जिसे गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने सील कर दिया. 

अवैध संपत्तियों को चिन्हित करने का काम जारी 
बता दें कि हाल में ही मुख्तार अंसारी गैंग के खास रह चुके सैदपुर के डहन निवासी स्व. कल्पनाथ सिंह की शहर के फुल्लनपुर रेलवे क्रासिंग के पास बिल्डिंग है. बिल्डिंग पर भी जिला प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर नष्‍ट कर दिया था. जिला प्रशासन की ओर से मुख्‍तार अंसारी की अवैध संपत्तियों को चिन्हित कर सील की कार्रवाई की जा रही है. बताया गया कि मुख्‍तार के चचेरे भाई की संपत्ति कुर्क होने के बाद अब उसके करीबियों और रिश्‍तेदारों की बेचैनी बढ़ गई है. उन्‍हें भी डर सता रहा है कि कहीं उनकी संपत्ति भी कुर्क न कर दी जाए. कई तो जिला प्रशासन के अधिकारियों के दफ्तर का चक्‍कर लगा रहे हैं. 

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