'कुछ अवसरवादी लोग बहन जी के नाम के सहारे अपनी राजनीतिक दुकान चलाने की कोशिश करते हैं': Akash Anand
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'कुछ अवसरवादी लोग बहन जी के नाम के सहारे अपनी राजनीतिक दुकान चलाने की कोशिश करते हैं': Akash Anand

Omprakash Rajbhar: सोमवार को बीएसपी के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद (Akash Anand) ने इशारों इशारों में ओपी राजभर को अवसरवादी बता डाला. आकाश ने सोमवार को बिना राजभर का नाम लिए यह बात कही. उन्होंने कहा कुछ अवसरवादी लोग भी बहन जी के नाम के सहारे अपनी राजनीतिक दुकान चलाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे स्वार्थी लोगों से सावधान रहने की जरूरत है. दरअसल, आकाश आनंद के इस बयान को आगामी 2024 के आम चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.

'कुछ अवसरवादी लोग बहन जी के नाम के सहारे अपनी राजनीतिक दुकान चलाने की कोशिश करते हैं': Akash Anand

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत लगातार बदल रही है. कब कौन आपका दोस्त और कौन राजनीतिक प्रतिद्वंदी बन जाए, कुछ भी कहा नहीं जा सकता है. विधानसभा चुनाव 2022 (Assembly Election 2022) में हार के बाद सपा के सहयोगी दलों में भगदड़ मची हुई है. ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) का बीजेपी के लिए सॉफ्ट कॉर्नर और योगी सरकार द्वारा उन्हें सुरक्षा दिया चर्चाओं में था. वहीं, सोमवार को बीएसपी के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद (Akash Anand) ने इशारों इशारों में ओपी राजभर को अवसरवादी बता डाला.

बसपा प्रमुख मायावती के भतीजे हैं आकाश आनंद 
आपको बता दें कि आकाश आनंद बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) के भतीजे हैं. उनका राजभर को अवसवादी और स्वार्थी बताना कई मायने में खास है. आकाश ने सोमवार को बिना राजभर का नाम लिए यह बात कही. उन्होंने कहा कुछ अवसरवादी लोग भी बहन जी के नाम के सहारे अपनी राजनीतिक दुकान चलाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे स्वार्थी लोगों से सावधान रहने की जरूरत है. दरअसल, आकाश आनंद के इस बयान को आगामी 2024 के आम चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. 

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विधानसभा चुनाव में हार के इकाइयां भंग के दौरान आकाश बने रहे नेशनल कोआर्डिनेटर 
आपको बता दें कि आकाश आनंद बसपा प्रमुख मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. उन्होंने लंदन से एमबीए की डिग्री की पढ़ाई की है. बता दें कि, यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में करारी हार के बाद मायावती ने संगठन की सभी इकाइयां भंग कर दिया था, लेकिन आकाश आनंद को नेशनल कोआर्डिनेटर बनाए रखने का ऐलान किया था. इसलिए उनके बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. 

कुछ दिनों पहले सपा ने पत्र किया था जारी
आपको बता दें कि ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बीच पिछले कई दिनों से बयानबाजी का दौर चल रहा था. कुछ दिनों पहले ही इस सियासी ड्रामे का अंत भी हुआ. जब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की तरफ से एक पत्र जारी कर सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर और शिवपाल यादव (Shivpal Singh Yadav) को बाहर का रास्ता दिखा गया. सपा की ओर से जारी पत्र में दोनों नेताओं को साफ शब्दों में कहा गया था कि उन्हें जहां ज्यादा सम्मान मिले, वो वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं.

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पत्र सामने आने के बाद ओम प्रकाश राजभर ने कहा था
बता दें कि पत्र सामने आने के बाद ओम प्रकाश राजभर की प्रतिक्रिया भी सामने आई. जिसमें राजभर ने कहा कि उन्हें भी ये 'तलाक' मंजूर है. वहीं, दूसरी तरफ अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने भी ट्वीट कर कहा की सम्मान से कोई भी समझौता मंजूर नहीं. हालांकि, ये सियासत है, यहां सभी विकल्प खुले होते हैं, ना कोई किसी का स्थाई दुश्मन होता है ना दोस्त. 

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