UP News :बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजूकेशन यूपी (BTEUP) ने 427 कॉलेजों की मान्यता रद्द करने का फैसला किया है. कॉलेजों में एफिडेविट में गलत जानकारी देकर गुमराह करने का आरोप है.
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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में 427 फार्मेसी कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी गई है. एफिडेविट में गलत जानकारी देकर गुमराह करने वाले प्रदेश के 427 कॉलेज अब लाइफटाइम फार्मेसी कॉलेज नहीं खोल पाएंगे. बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजूकेशन यूपी (BTEUP) ने 427 कॉलेजों की मान्यता रद्द करने का फैसला किया है. अब यह कॉलेज लाइफटाइम बीटीईयूपी से फार्मेसी कॉलेज चलाने के लिए NOC या संबद्धता नहीं ले पाएंगे.
वर्ष 2022 में लगभग 1000 कॉलेजों को फार्मेसी कॉलेज (डीफार्मा) पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए फार्मेसी (Pharmacy) काउंसिल के स्टैंडर्ड के आधार पर एनओसी लेकर एनओसी दी गई थी. एनओसी जारी करने के बाद शपथपक्ष में बताए गए स्टैंडर्ड (इंफ्रास्ट्रक्चर आदि) की जांच कराई गई तो 427 कॉलेज अवैध निकले हैं. एफिडेविड में गलत सूचना देने वालों पर शासन ने कार्रवाई करते हुए एनओसी को कैंसिल और बीटीईयूपी से मान्यता रद्द कर दी है.
इस तरह हुई नियमों की अनदेखी
फार्मेसी कॉलेज चलाने के लिए एनओसी लेने वालों ने जमकर गुमराह करने का काम किया है. कुछ महाविद्यालय तो ऐसे निकले कानपुर देहात में कॉलेज चला रहे हैं और एफिडेविट में उरई की जमीन को दिखा दिया है. इसी तरह डिग्री या इंटर कॉलेज की जमीन को भी एफिडेविट में दिखाया गया है. सूत्रों ने बताया कि कुछ तो ऐसे हैं, जिन्होंने जमीन को कॉलेज की जगह बता दिया. मौके पर जांच में वहां पर कोई भवन ही नहीं मिला.
डीएम की जांच में खुला खेल
एनओसी जारी होने के बाद एफिडेविट में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर शासन ने जिलों में डीएम स्तर से जांच कराई गई. डीएम के लेवल पर एफिडेविट में बताई गई बातों की फिजिकल जांच कराने पर खेल खुला है। बताते चलें कि इससे पहले पॉलीटेक्निक प्रिंसिपल्स (Polytechnic) ने भी जांच की थी.
सोसाएटी भी होगी निरस्त
एफिडेविट में गलत जानकारी देने वाले कॉलेजों की सोसाएटी को निरस्त करने के लिए रजिस्ट्रार ऑफ सोसाएटी को लेटर लिखा गया है. यह कॉलेज अब सोसाएटी पर किसी अन्य एकेडमिक इंस्टीट्यूट को भी नहीं चला पाएंगे. हालांकि इन सोसाएटीज की ओर से यदि पूर्व में कोई कॉलेज चल रहा है तो वहां के स्टूडेंट्स के समायोजन या कोर्स पूरा कराने पर फैसला शासन स्तर पर होगा.
दो बोर्ड सेक्रेटी पद से हटे
फार्मेसी कॉलेजों को एनओसी जारी करने के मामले में अभी तक दो बोर्ड सेक्रेटी को पद से हटाया जा चुका है. साल 2022 में एनओसी जारी होने के शुरुआती दिनों में बीटीईयूपी के सेक्रेटी सुनील सोनकर को पद से हटाकर कानपुर स्थित प्राविधिक शिक्षा निदेशालय अटैच किया गया था. निदेशालय से प्रधानाचार्य मुख्यालय पद पर कार्यरत एफआर खान को बोर्ड सेक्रेटी बनाया गया था. 427 कॉलेजों के हलफनामे में गड़बडी उजागर होने के बाद एफआर को प्रधानाचार्य मुख्यालय के पद पर वापस भेज दिया गया है.
उठाए गए कई सवाल
दोनों अधिकारियों को पद से जरुर हटाया गया, लेकिन विभागीय कार्रवाई कुछ भी नहीं हुई. ऐसे में सवाल है कि अगर एनओसी देने में बोर्ड सेक्रेटी की भूमिका नहीं है तो वह पद से क्यों हटाए गए. यदि भूमिका है तो एक्शन क्यों नहीं हुआ. हालांकि दोनों मामलों में अधिकारियों ने अपनी कलम बचाते हुए संबद्धता या वापसी की कार्रवाई जनहित में की है. फिलहाल एफआर खान प्रधानाचार्य मुख्यालय पद पर हैं और सुनील सोनकर का राजकीय पॉलिटेक्निक बलिया में प्रिंसिपल पद पर ट्रांसफर किया गया है.
फार्मेसी कॉलेज चलाने के लिए एफिडेविट में गलत जानकारी देने वाले कॉलेजों की शासन ने एनओसी कैंसिल कर दी गई है. डीएम की तफ्तीस में 427 ऐसे कॉलेज सामने आए हैं, जिन्होंने बीटीईयूपी को दिए गए शपथपत्र में गलत जानकारी दी थी. इनके विरुद्द कई अन्य कार्रवाई भी लिए जा रहे हैं जो कि प्रोसेस में हैं.