Himachal Election : यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की हिमाचल प्रदेश में 16 चुनावी रैली की हैं. BJP की जीत के साथ दोबारा कमल खिलाने के लिए संभाली कमान.
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Himachal Pradesh Assembly Election 2022 : बीजेपी (BJP) ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की तरह किसी भी दल के सत्ता में वापसी न करने के मिथक को तोड़ने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. यूपी में 37 साल बाद ऐसा ही कमाल योगी आदित्यनाथ (Yogi adityanath) की अगुवाई में फरवरी में देखने को मिला था. अब हिमाचल में भी दोबारा कमल (Kamal) खिलाने को वो धुआंधार प्रचार कर रहे हैं. स्टार प्रचारक होने के साथ योगी ने हिमाचल में नौ दिनों में ताबड़तोड़ 16 चुनावी रैलियां की हैं, जो राज्य के बाहर के किसी बीजेपी नेता के चुनाव प्रचार का बड़ा रिकॉर्ड है.
जनपद मंडी, हिमाचल प्रदेश के नचान विधान सभा क्षेत्र की जनता का अभूतपूर्व स्नेह पुन: डबल इंजन की भाजपा सरकार को मिलने जा रहा है... https://t.co/7MRihuCzR6
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 10, 2022
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार गुरुवार शाम 10 नवंबर को खत्म हो जाएगा. आखिरी दिन सीएम योगी आदित्यनाथ की 4 चुनावी रैलियां हैं.इससे पहले वो 2-4 नवंबर, 7-8 नवंबर को एक दिन में तीन-तीन रैलियां कर बीजेपी के पक्ष में माहौल गरमा चुके हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी ने योगी के पहाड़ के कनेक्शन और हिन्दुत्व के चेहरे को ध्यान में रखते हुए चुनाव प्रचार में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.
हिमाचल में धुआंधार चुनाव प्रचार
तारीख: रैलियां
2 नवंबर : 3 रैली
4 नवंबर : 3 रैली
7 नवंबर :3 रैली
8 नवंबर : 3 रैली
10 नवंबर : 4 रैली
हमीरपुर (Hamirpur) और मंडी (Mandi) में भी जनसभा की
योगी ने दो नवंबर को हमीरपुर जिले की बड़सर विधानसभा प्रत्याशी माया शर्मा के लिए बिझड़ मे रैली की थी. फिर मंडी की सरकाघाट विधानसभा प्रत्याशी दलीप ठाकुर के लिए जनसभा की.सोलन की कसौली विधानसभा में प्रत्याशी डॉ. राजीव सैजल के लिए दशहरा मैदान में वो प्रचार करते नजर आए.
4 नवंबर को भी तीन चुनावी रैली
सीएम योगी ने कांगड़ा जिले में ज़्वाली सीट पर प्रत्याशी संजय गुलेरिया के लिए चुनावी रैली की. ज्वालामुखी विधानसभा प्रत्याशी रविंद्र सिंह रवि के लिए बड़ोली में भी उनका हेलीकॉप्टर पहुंचा. फिर बिलासपुर जिले में टिकरी घुमारवी सीट पर बीजेपी प्रत्याशी राजेंद्र गर्ग के लिए उन्होंने जनता से वोट मांगे.
ऊना में तीन रैलियां कीं
सीएम योगी ने 7 नवंबर को ऊना जनपद में हरोली विधानसभा प्रत्याशी प्रो.रामकुमार के लिए रैली की. फिर मंडी में दारंग विधानसभा से प्रत्याशी पूरन चंद के लिए प्रचार किया.सोलन में दून विधानसभा प्रत्याशी परमजीत सिंह पम्मी के लिए जन समर्थन मांगा.
जनपद कुल्लू, हिमाचल प्रदेश के बंजार विधान सभा क्षेत्र की राष्ट्रवादी जनता डबल इंजन की भाजपा सरकार के साथ है... https://t.co/VvFn1NIXTA
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 10, 2022
कांगड़ा में भी जोरदार प्रचार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 8 नवंबर कांगड़ा, कुल्लू और शिमला में चुनाव प्रचार किया. योगी ने कांगड़ा में पालमपुर विधानसभा में शहीद विक्रम बत्रा ग्राउंड पर रैली की. फिर कुल्लू में अन्नी विधानसभा में रघुवीर स्टेडियम में प्रचार किया. विधानसभा ठियोग में योगी ने तीसरी रैली की.
आखिरी दिन चार रैलियां
योगी चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कुल्लू जनपद की बंजार विधानसभा के मेला ग्राउंड पहुंचे. फिर उनका मंडी में बल्ह विधानसभा और नाचन विधानसभा में प्रचार कार्यक्रम है. शाम को ऊना की गगरेट विधानसभा में उनकी चुनाव रैली है.
रैलियों में भीड़ का टूट रहा रिकॉर्ड
उनकी हर चुनावी सभा में भीड़ का रिकॉर्ड भी टूट रहा है. हिमाचल में एक ही दिन की 3-4 चुनावी रैली करने वाले योगी कि मांग इतनी है कि वो अब तक हमीरपुर के बड़सर, मंडी के सरकाघाट एवं दारांग सोलन के दून एवं कसौली कांगड़ा के ज्वाली, पालमपुर एवं ज्वालामुखी, बिलासपुर के घुमारवीं, ऊना के हरोली कुल्लू के आनी और शिमला के ठियोग समेट लगभग दर्जन भर चुनावी सभाएं कर चुके हैं.राम मंदिर निर्माण के लिए भाजपा ने हिमाचल के पालमपुर में ही प्रस्ताव पारित किया था. योगी ने खुद पालमपुर रैली में इसका उल्लेख किया था.
हिमाचल से पुराना नाता
योगी के चुनाव प्रचार को राजनीतिक विश्लेषक महंत अवेद्यनाथ के जन्मस्थली से हिमाचल से भी जोड़कर देखा जा रहा है. गोरक्षपीठ का हिमालय और हिमांचल से त्रेतायुग का संबंध है. गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ इसी विरासत को आगे ले जा रहे हैं.
उत्तराखंड में जन्मे हैं योगी
योगी आदित्यनाथ मूल रूप से हिमालय की गोद में बसे देवभूमि उत्तराखंड (पौड़ी गढ़वाल, यमकेश्वर, पंचुर से ताल्लुक रखते हैं. उनका बचपन और पढ़ाई उत्तराखंड में ही हुई है. उनके गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ भी उत्तराखंड (गढ़वाल कांडी) के ही थे. साधु-संतों के साथ वो ऋषिकेश से केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और कैलास मानसरोवर की यात्रा पर गए थे. इस दौरान उन्हें हैजा हो गया. साथी उनके जीवन की आस को छोड़ आगे बढ़ गए, लेकिन वे बच गए. कालांतर में गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर बने. फिर उन्हें श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन की अगुवाई का अवसर मिला. आंदोलन में गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियों ने भागीदारी की.