Weird Rituals For Women: चीन में कथित तौर पर एक महिला को 5 घंटे का वर्जिनिटी टेस्ट देना पड़ा. यह मामला जियांग्शी प्रांत का है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में भी ऐसा एक समुदाय है, जहां दुल्हन को वर्जिनिटी टेस्ट देना पड़ता है.
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Virginity Test: हाल ही में चीन में बेहद शर्मनाक मामला सामने आया, जिसमें लड़कियों और महिलाओं के प्रति समाज की घिनौनी सोच नजर आई. चीन में कथित तौर पर एक महिला को 5 घंटे का वर्जिनिटी टेस्ट देना पड़ा. यह मामला जियांग्शी प्रांत का है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में भी ऐसा एक समुदाय है, जहां दुल्हन को वर्जिनिटी टेस्ट देना पड़ता है.
इस समुदाय का नाम है कंजरभाट. यहां के रीति-रिवाजों में एक परंपरा है कि पूरी पंचायत के सामने खून के धब्बे दिखाकर यह साबित किया जाता है कि लड़की वर्जिन थी. कंजरभाट समुदाय के इस रिवाज का कई बार सामाजिक तौर पर बहिष्कार किया गया लेकिन इस समाज के कट्टर लोग इस प्रथा का पालन करते आ रहे हैं.
दूल्हे से पूछा जाता है ये सवाल
कंजरभाट समुदाय में दूल्हे से शादी के अगले दिन पूछा जाता है कि तुम्हें 'जो माल दिया गया' वो कैसा था. लड़की के वर्जिन होने पर लड़का कहता है 'खरा'. अगर नहीं तो तीन बार 'खोटा' बोलता है. खोटा बोलने के बाद लड़की के परिवार और रिश्तेदारों के खिलाफ लोग हिंसा तक पर उतारू हो जाते हैं. आलम तो ये है कि अगर कोई इस रस्म का पालन नहीं करता तो उसका समाज से हुक्का-पानी बंद कर दिया जाता है.
होता रहा है विरोध
साल 2018 में एक महिला ने इस कुप्रथा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. वह भी इसी कुप्रथा की शिकार हुई थी. यह कहना गलत नहीं होगा कि इस कुप्रथा की आड़ में महिलाओं का शोषण किया जाता है. इस समुदाय के करीब ढाई लाख मेंबर्स हैं. ये अधिकतर पुणे, सांगली और संगमनेर में रहते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर समुदाय के वर्जिनिटी टेस्ट में लड़की फेल हो जाती है तो उससे खौलते तेल में से सिक्का निकालने, यौन शोषण और कपड़े उतारने जैसी सजा दी जाती है. फेल होने पर उसे मायके भेज दिया जाता है और फिर उसकी शादी कभी नहीं हो पाती.
पुलिस से परिवार ने लगाई थी गुहार
साल 2019 में महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कंजरभाट समुदाय के एक परिवार ने पुलिस से गुहाई लगाई थी. उन्होंने कंजरभाट समुदाय के इस वर्जिनिटी टेस्ट के खिलाफ बगावत की थी, जिसके बाद उनको सामाजिक बहिष्कार झेलना पड़ रहा था. परिवार की शिकायत के आधार पर ठाणे पुलिस ने अंबरनाथ शहर के चार लोगों के खिलाफ महाराष्ट्र सामाजिक बहिष्कार (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था.
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