President Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को वोटिंग, 21 जुलाई को आएंगे नतीजे
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President Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को वोटिंग, 21 जुलाई को आएंगे नतीजे

President Elections 2022: राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है. वोटिंग 18 जुलाई को होगी. वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी. यानी नए राष्ट्रपति का ऐलान भी उसी दिन कर दिया जाएगा. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में 4809 इलेक्टर्स वोट डालेंगे. कोई राजनीतिक पार्टी अपने सदस्यों को व्हिप जारी नहीं कर सकती. 

राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को वोटिंग

President Elections 2022: राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है. वोटिंग 18 जुलाई को होगी. वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी. यानी नए राष्ट्रपति का ऐलान भी उसी दिन कर दिया जाएगा. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में 4809 इलेक्टर्स वोट डालेंगे. कोई राजनीतिक पार्टी अपने सदस्यों को व्हिप जारी नहीं कर सकती.

 मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, राज्यसभा के महासचिव रिटर्निंग ऑफिसर होंगे. नामांकन पत्र दिल्ली में वितरित किए जाने हैं और निर्वाचक मंडल के कम से कम 50 सदस्य प्रस्तावक के रूप में और अन्य 50 समर्थक के रूप में जरूरी हैं. राष्ट्रपति के चुनाव में आम लोगों की भागीदरी नहीं होती. चुने हुए जनप्रतिनिधि इसमें हिस्सा लेते हैं.

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ऐसे होता है चुनाव  

राष्ट्रपति के चुनाव में सांसदों के मतों के वैल्यू का गणित अलग है. सबसे पहले सभी राज्यों की विधानसभा के विधायकों के वोटों का वैल्यू जोड़ा जाता है. इस सामूहिक वैल्यू को राज्यसभा और लोकसभा के कुल मेंबर की कुल संख्या से भाग दिया जाता है. इस तरह जो नंबर मिलता है, वह एक सांसद के वोट की वैल्यू होती है. 

- देश में कुल 776 सांसद हैं.( लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर)

- हर सांसद के वोट की वैल्यू 708 होती है. 

- देश में कुल 4120 विधायक हैं. 

- हर राज्य के विधायक के वोट की वैल्यू अलग-अलग होती है. उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश के एक विधायक  के वोट की वैल्यू 208 होती है. 

इसके बाद विधायक के मामले में जिस राज्य का विधायक हो, उसकी आबादी देखी जाती है. इसके साथ उस प्रदेश के विधानसभा सदस्यों की संख्या को भी ध्यान में रखा जाता है. वैल्यू निकालने के लिए प्रदेश की जनसंख्या को कुल MLA की संख्या से डिवाइड किया जाता है. इस तरह जो नंबर मिलता है, उसे फिर 1000 से डिवाइड किया जाता है. अब जो आंकड़ा हाथ लगता है, वही उस राज्य के एक विधायक के वोट की वैल्यू होती है.

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राष्ट्रपति के चुनाव में सबसे ज्यादा वोट हासिल करने से ही जीत तय नहीं होती है. राष्ट्रपति वही बनता है जो वोटरों यानी सांसदों और विधायकों के वोटों के कुल वेटेज का आधा से ज्यादा हिस्सा हासिल करे. राष्ट्रपति चुनाव  के लिए जो इलेक्टोरल कॉलेज है, उसके सदस्यों के वोटों का कुल वेटेज 1098882 है. उम्मीदवार को जीत के लिए 549441 वोट हासिल करने होंगे.

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