Bhojshala Survey News: मध्य प्रदेश के धार जिले में बना ऐतिहासिक भोजशाला परिसर सरस्वती मंदिर है या कमाल मौला मस्जिद, इसका सच 42 दिन में सामने आने वाला है. इंदौर हाईकोर्ट के आदेश के बाद एएसआई शुक्रवार से परिसर का सर्वे शुरू करेगा.
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What is Bhojshala Controversy: यूपी में वाराणसी के ज्ञानवापी और मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान का मामला अभी कोर्ट में चल ही रहा है. इसी बीच अब मध्य प्रदेश के भोजशाला में ASI का सर्वे शुरू होने जा रहा है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद कल यानी शुक्रवार से ही ASI का सर्वे शुरू होगा . जिस तरह से ASI सर्वे से ज्ञानवापी का सच सामने आया है, सवाल है कि क्या भोजशाला का भी सच सामने आएगा? उसके बाद ही पता चल पाएगा कि भोजशाला सरस्वती मंदिर है या कमाल मौला मस्जिद?
सामने आने वाला है भोजशाला का सच
मध्य प्रदेश के जिस भोजशाला को लेकर दशकों से हिंदू और मुसलमान आमने-सामने रहे हैं. उस भोजशाला का सच परखने की शुरुआत होने वाली है. मध्य प्रदेश के सबसे बड़े विवादित स्थल भोजशाला का ASI सर्वे शुरू होने जा रहा है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद ASI भोजशाला का पुरातात्विक सर्वेक्षण करेगी.
6 सप्ताह में दाखिल करेगा अपनी रिपोर्ट
ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया यानी ASI के 5 सदस्य भोजशाला परिसर का सर्वे करेंगे. ASI टीम 6 सप्ताह तक सर्वे करने के बाद इंदौर हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगी. सबसे अहम बात ये है कि ASI का ये सर्वे वैज्ञानिक सर्वे होगा. मतलब सर्वे के दौरान ASI अत्याधुनिक उपकरणों का भी इस्तेमाल करेगी.
दूसरे शब्दों में कहें तो ASI की टीम ने जिस तरह से ज्ञानवापी परिसर में सर्वे किया था, ठीक उसी तरह से भोजशाला में भी सर्वे होगा. आपको बताते हैं कि आखिर ASI की टीम किस तरह से भोजशाला परिसर का सर्वे करेगी.
भोजशाला परिसर की वीडियोग्राफी होगी
ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार मशीन का भी इस्तेमाल होगा. इससे जमीन के नीचे कुछ दबा है या नहीं ये भी पता चलेगा.
दीवारों, खंभों और छत की माप ली जाएगी.
दीवार पर बनी आकृतियों और निर्माण शैली को परखेगी.
हर हिस्से की मैपिंग, इमेजिंग और स्कैनिंग होगी.
सुरक्षा के किए जाएंगे पुख्ता इंतजाम- पुलिस
धार जिले के एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश का पूरा पालन किया जाएगा. कल शुक्रवार है और भोजशाला में नमाज भी होगी लेकिन एएसआई की कार्रवाई इससे प्रभावित नहीं होगी. हम सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करेंगे.
धार में हो चुके हैं सांप्रदायिक दंगे
भोजशाला मंदिर है या मस्जिद इसे लेकर धार में कई बार सांप्रदायिक तनाव भी हुए हैं. भोजशाला को हिंदू पक्ष सरस्वती मंदिर मानते हैं. जबकि मुस्लिम पक्ष उसे कमाल मौला की मस्जिद कहता है. अभी वहां हर मंगलवार को पूजा होती है और शुक्रवार को नमाज पढ़ी जाती है. अब हिंदू पक्ष नमाज रोकने और रोजाना पूजा का अधिकार मांग रहा है तो दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष दलील दे रहा है कि वो वहां लंबे वक्त से नमाज़ करते आए हैं, ऐसे में उनके अधिकार की रक्षा होनी चाहिए.
चुनावों पर पड़ सकता है भोजशाला का असर
भोजशाला जिस धार जिले में है, वहां की चुनावी 'धार' क्या है ये भी समझ लीजिए. धार में धार्मिक आबादी की बात करें तो वहां 93.84 प्रतिशत आबादी हिंदू हैं. जबकि सिर्फ 5.32 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है. भोजशाला में सर्वे का असर चुनाव में भी हो सकता है. एमपी में जहां 29 लोकसभा सीटें हैं पिछले चुनाव में बीजेपी ने इसमें से 28 सीटें जीती थीं. देश में लोकसभा चुनाव के बीच भोजशाला में ASI का सर्वे मध्य प्रदेश की राजनीति की धार भी तय कर सकता है.