DNA with Sudhir Chaudhary: ED की पूछताछ से सोनिया और राहुल की छवि होगी खराब? समझें इस समन के मायने
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DNA with Sudhir Chaudhary: ED की पूछताछ से सोनिया और राहुल की छवि होगी खराब? समझें इस समन के मायने

DNA with Sudhir Chaudhary: अब National Herald घोटाले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ED के सामने पेश होंगे. यह अपने आप में पहला ऐसा अनोखा मामला होगा.

DNA with Sudhir Chaudhary: ED की पूछताछ से सोनिया और राहुल की छवि होगी खराब? समझें इस समन के मायने

DNA with Sudhir Chaudhary: बुधवार को Enforcement Directorate यानी ED ने कांग्रेस पार्टी की First Family यानी सोनिया गांधी और राहुल गांधी को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पूछताछ के लिए समन भेजा. इसके तहत राहुल गांधी से 2 जून को पूछताछ होगी और सोनिया गांधी से 8 जून को पूछताछ की जाएगी.

खास लोगों के लिए आम नियम लागू

ये एक पुराना मामला है, जिसे आप National Herald घोटाले के नाम से भी जानते हैं. इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों बेल पर हैं. ये पहली बार होगा, जब सोनिया गांधी और राहुल गांधी को एक आम नागरिक की तरह के ED के दफ्तर में पूछताछ के लिए जाना होगा. ये भारत की राजनीति में एक नया Turning Point है, जिसमें मोदी सरकार ये बता रही है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर भी इस देश में वही नियम लागू होंगे, जो बाकी लोगों पर लागू होते हैं.

क्या है पूरा मामला?

ये पूरा मामला मनी लॉन्ड्रिंग का है. जवाहर लाल नेहरू समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने Associate Journal Limited नाम से एक कंपनी बनाई थी, जो National Herald नाम से एक अखबार प्रकाशित करती थी. क्योंकि ये कंपनी अखबार प्रकाशित करती थी, इसलिए इसे कई शहरों में सस्ते दामों पर सरकारों से जमीनें मिली. अब आरोप ये है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने एक ऐसी कंपनी बनाई, जिसका मकसद कारोबार करना नहीं था. बल्कि वो इस कंपनी के जरिए AJL को खरीदकर उसकी 2 हजार करोड़ रुपये की सम्पत्ति को अपने नाम पर करना चाहते थे. वर्ष 2011 में ऐसा ही हुआ. उस समय सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कंपनी, जिसका नाम है, यंग इंडिया लिमिटेड, उसने AJL को टेकओवर कर लिया और इस तरह इसकी सम्पत्ति सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास चली गई.

भारतीय राजनीति में टर्निंग पॉइंट

ये मामला भारत की राजनीति में नया टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है और इससे चार बड़े बदलाव हो सकते हैं. पहला ये समन, गांधी परिवार को मानसिक रूप से और राजनीतिक रूप से अस्थिर कर देगा. दूसरा विपक्षी दलों में और खासतौर पर UPA में राहुल गांधी और सोनियां गांधी की स्थिति कमजोर हो जाएगी. तीसरा क्योंकि ये मामला भ्रष्टाचार का है, इसलिए राहुल गांधी और सोनिया गांधी की जो Public Image है, उसे भी धक्का लगेगा और आने वाले चुनाव प्रचारों में बीजेपी इस मामले का पूरा फायदा उठाएगी.

डिजिटल युग में इमेज को लगेगा धक्का 

आज के इस डिजिटल युग में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का भ्रष्टाचार के एक मामले में ED के दफ्तर में जाकर पेश होना, एक बड़ी खबर बनेगा और इसके वीडियो पूरी दुनिया में वायरल होंगे. 

पहले भी किया था घोटाला

इंदिरा गांधी को 1971 के चुनावों में धांधली करने के लिए दोषी पाया गया था और ये भ्रष्टाचार का एक ऐसा मामला था, जिसकी वजह से इंदिरा गांधी ने देश में Emergency तक लगा दी थी. इसके अलावा संजय गांधी पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. उस समय इंदिरा गांधी की सरकार ने उनकी कंपनी मारुति को कार बनाने का Contract दिया था और इसमें भ्रष्टाचार हुआ था. इसके अलावा राजीव गांधी की सरकार में बोफोर्स घोटाला हुआ था और अब सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम भी भ्रष्टाचार के केस में सामने आया है.

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