बच्चों का आत्मविश्वास उनके जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आत्मविश्वास से बच्चे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होते हैं और जीवन में सफल होते हैं.
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बच्चों का आत्मविश्वास (Confidence) उनके जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आत्मविश्वास से बच्चे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होते हैं और जीवन में सफल होते हैं. लेकिन, कई बार माता-पिता की कुछ बातें बच्चों का आत्मविश्वास कम कर सकती हैं.
बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए माता-पिता कई तरह के प्रयास करते हैं, लेकिन कुछ बार अनजाने में ही वे बच्चों का आत्मविश्वास कम कर देते हैं. नीचे कुछ ऐसी बातें दी गई हैं, जो माता-पिता अक्सर अनजाने में करते हैं और इससे बच्चों का आत्मविश्वास कम होता है.
1. दूसरे बच्चों से तुलना करना
माता-पिता अक्सर बच्चों की तुलना दूसरों से करते हैं, जैसे कि "तुम्हारा दोस्त तो यह कर लिया, तुम क्यों नहीं कर सकते?" या "उस बच्चे की तरह तुम पढ़ाई नहीं करते हो, तुम तो कभी कुछ नहीं कर पाओगे." इससे बच्चों में हीन भावना आ सकती है और उनका आत्मविश्वास कम हो सकता है.
2. बच्चों को ज्यादा दबाव देना
माता-पिता अक्सर बच्चों पर ज्यादा दबाव डालते हैं, जैसे कि "तुम्हें टॉप रैंक लानी है, वरना हम तुम्हारे साथ नाराज हो जाएंगे." इससे बच्चों में तनाव और चिंता हो सकती है और उनका आत्मविश्वास कम हो सकता है.
3. तुम हमेशा गलत होते हो
यह बात बच्चों के आत्मविश्वास को कम करने के लिए काफी है. इससे बच्चे यह सोचने लगते हैं कि वे हमेशा गलत होते हैं और उनकी राय किसी भी काम की नहीं है. इससे बच्चों में आत्मसम्मान की कमी हो सकती है.
4. बच्चों की गलतियों को लेकर ज्यादा चिंता करना
माता-पिता अक्सर बच्चों की गलतियों को लेकर ज्यादा चिंता करते हैं और उन्हें डांटते हैं, जैसे कि "तुमने फिर से गलत किया, तुम कभी कुछ नहीं सीखोगे." इससे बच्चों में गलतियां करने का डर पैदा हो सकता है और उनका आत्मविश्वास कम हो सकता है.
5. बच्चों को हमेशा दूसरों से बेहतर होना सिखाना
माता-पिता अक्सर बच्चों को हमेशा दूसरों से बेहतर होना सिखाते हैं, जैसे कि "तुम्हें उससे ज्यादा अच्छा करना है, वरना तुम सफल नहीं हो पाओगे." इससे बच्चों में तुलना की भावना पैदा हो सकती है और उनका आत्मविश्वास कम हो सकता है.
इन बातों से बचकर माता-पिता अपने बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं. बच्चों को यह सिखाना चाहिए कि हर किसी की अपनी क्षमता होती है और तुलना करना कभी भी सही नहीं है. बच्चों की गलतियों को लेकर भी उन्हें डांटने के बजाय समझाना चाहिए. बच्चों को हमेशा प्रोत्साहित करना चाहिए और उन्हें यह विश्वास दिलाना चाहिए कि वे कुछ भी कर सकते हैं.