मिर्गी एक ऐसी बीमारी है जो दिमाग में असामान्य इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी के कारण होती है. इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को बार-बार अचानक बेहोश होने और शरीर में झटके आने जैसे लक्षण महसूस होते हैं.
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मिर्गी एक ऐसी बीमारी है जो दिमाग में असामान्य इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी के कारण होती है. इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को बार-बार अचानक बेहोश होने और शरीर में झटके आने जैसे लक्षण महसूस होते हैं. मिर्गी का दौरा पड़ने पर मरीज को जूता, प्याज या अन्य कोई दूसरी चीज नहीं सुंघानी चाहिए.
एम्स न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. मंजरी त्रिपाठी ने बताया कि मिर्गी का दौरा पड़ने पर मरीज को तुरंत एक दिशा में करवट लेकर लिटाना चाहिए. उसके गले से कपड़े को हटा दें. दौरा पड़ने पर मरीज के मुंह में कुछ भी नहीं डालना चाहिए. अगर मरीज को चोट लग गई है तो उसे तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए.
डॉ. मंजरी ने बताया कि मिर्गी का दौरा पड़ने पर मरीज में अगर दो मिनट तक कंपन होती है तो वह सामान्य है. दौरा पांच मिनट और उससे अधिक होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. ऐसे मरीजों को वजन के आधार पर नाक से दवा दी जाती है.
मिर्गी की दवा बीच में छोड़ना खतरनाक
मिर्गी से ग्रसित मरीज अगर दवा का नियमित सेवन करें तो 70 फीसदी तक रोग पर कंट्रोल हो सकता है. डॉक्टर ने बताया कि दवा को बीच में छोड़ देने से समस्या बढ़ सकती है. समय पर दवा, उचित खानपान और योग से मिर्गी को दूर किया जा सकता है. शराब, तेज आवाज व अन्य जगहों से दूर रहना चाहिए. देश में करीब हर 100 मरीज पर एक मरीज में यह रोग है. जबकि दुनिया में यह आंकड़ा करीब छह से सात करोड़ है.
मिर्गी के दौरे के कारण
डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि मिर्गी के दौरे के कारणों में सिर में चोट, जन्मजात डिसऑर्डर, ब्रेन में ट्यूमर या संक्रमण आदि शामिल हो सकते हैं. मिर्गी का कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन दवाओं और अन्य उपचारों से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है.