नकली चिड़िया बनाकर हवा में उड़ा रहा चीन! क्या आर्मी में शामिल करने की है तैयारी? जानें क्या है मकसद
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नकली चिड़िया बनाकर हवा में उड़ा रहा चीन! क्या आर्मी में शामिल करने की है तैयारी? जानें क्या है मकसद

Trending News: चीन में यह एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि है. कहा जा रहा है कि ड्रोन ने उड़ान के समय में भी अपना पिछला गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी तोड़ दिया. इसे 'बायोनिक ड्रोन' के रूप में भी जाना जाता है.

 

नकली चिड़िया बनाकर हवा में उड़ा रहा चीन! क्या आर्मी में शामिल करने की है तैयारी? जानें क्या है मकसद

Fake Bird Drone: क्या आपने कभी नकली चिड़िया को उड़ते हुए देखा है? ड्रोन के जमाने में यह संभव हो सकता है, क्योंकि चीन ने एक नकली चिड़िया बनाई है जिसका इस्तेमाल ड्रोन के रूम में किया जाएगा. नॉर्थवेस्टर्न पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी (एनपीयू) के चीनी रिसर्चर ने एक 'फ्लैपिंग विंग' (Flapping Wing) पक्षी ड्रोन तैयार किया है. इस ड्रोन के दो पंख है और वह हूबहू चिड़िया जैसा नजर आता है. चीन में यह एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि है. कहा जा रहा है कि ड्रोन ने उड़ान के समय में भी अपना पिछला गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी तोड़ दिया. इसे 'बायोनिक ड्रोन' के रूप में भी जाना जाता है.

चिड़ियों की तरह उड़ने वाला ड्रोन

बायोनिक ड्रोन यूएवी मैकेनिज्म पर आधारित हैं जो असली चिड़ियों की तरह दिखाई देता है. अब ये डेवलपर्स के ग्लोबल टेक्नोलॉजिकल खोज का हिस्सा हैं. 'जिंग' (Xinge) कहे जाने वाले इस ड्रोन ने अपने पहले के उड़ान समयावधि के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. एनपीयू ने इसकी काफी सराहना की. यूरेशियन टाइम्स के मुताबिक, न्यू मैक्सिको इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनएमआईटी) की टीम ने डेड और टैक्सिडर्मिड पक्षियों के असली पक्षी के हिस्सों का यूज करके ड्रोन बनाए और उड़ाए थे. मालूम हो कि दुनिया के अन्य विश्वविद्यालयों ने भी ऐसे बायोनिक ड्रोन विकसित किए हैं.

इस टेक्नोलॉजी का किया गया है इस्तेमाल

हालांकि, इस चीनी प्रोडक्ट्स में कई तरीकों के टेक्नोलॉजी का यूज किया गया है, जो एक सैन्य भूमिका का सुझाव देता है. बीजिंग के पास पहले से ही यूएवी और मानवरहित प्रणालियों का कई हथियार हैं. एक उड़ने वाली वस्तु जो पक्षी की तरह हवा में यात्रा करती है, उसका पता लगाना और भी कठिन होगा कि क्या ये असली हैं या नकली. इस रोबोट पक्षी को रिमोट से कंट्रोल किया जाता है.  चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (सीजीटीएन) की एक रिपोर्ट के अनुसार, एनपीयू के इस प्रोजेक्ट के कारण "ऑर्निथॉप्टर होमिंग कबूतर" यानी जिंग का विकास हुआ.

तीन घंटे से ज्यादा करता है चार्ज

रिपोर्ट में कहा गया, ऑर्निथॉप्टर जिंग या होमिंग कबूतर, एक बार चार्ज करने पर लगातार तीन घंटे, पांच मिनट और 30 सेकंड तक उड़ सकता है, जो टीम द्वारा बनाए गए पिछले गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ चुका है. टीम का पिछला डेवलपमेंट युनक्सिआओ था, जिसने 2 घंटे, 34 मिनट और 38 सेकंड तक उड़ान भरी थी. जिंग के पंखों का फैलाव 70 सेंटीमीटर है और वजन 260 ग्राम है. युनक्सिआओ की तुलना में जिंग का शरीर अधिक खूबसूरत है, जिसमें युनक्सिआओ के पंखों का फैलाव आधे से अधिक और वजन उसका एक-चौथाई है. 

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