रूस से आए 'बॉडी बिल्डर बाबा', हाइट द ग्रेट खली जैसी, जानें कैसे प्रयागराज में संत बनकर पहुंचे?
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रूस से आए 'बॉडी बिल्डर बाबा', हाइट द ग्रेट खली जैसी, जानें कैसे प्रयागराज में संत बनकर पहुंचे?

Russian Saint In Prayagraj: महा कुंभ मेला जो दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, इस समय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहा है. इस मेले में लाखों श्रद्धालु, विदेशी यात्री, प्रतिष्ठित व्यक्ति और साधु शामिल हो रहे हैं.

 

रूस से आए 'बॉडी बिल्डर बाबा', हाइट द ग्रेट खली जैसी, जानें कैसे प्रयागराज में संत बनकर पहुंचे?

Maha Kumbh 2025: महा कुंभ मेला जो दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, इस समय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहा है. इस मेले में लाखों श्रद्धालु, विदेशी यात्री, प्रतिष्ठित व्यक्ति और साधु शामिल हो रहे हैं. इस दौरान एक व्यक्ति विशेष का नाम चर्चा में है. आत्म प्रेम गिरी, जो कि 7 फीट लंबे हैं और अपनी पीली वस्त्र धारण किए हुए हैं, उन्होंने सोशल मीडिया पर जबरदस्त सुर्खियां बटोरी हैं. उनके गले में रुद्राक्ष की माला है और एक बैग कंधे पर लटका हुआ है. हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक यूजर केविन बुब्रिस्की ने उनकी तस्वीर शेयर की, जिसके बाद लोग उन्हें आधुनिक परशुराम का अवतार मानने लगे.

 

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान परशुराम, भगवान विष्णु के छठे अवतार थे, जिन्होंने क्रूर और पापी राजाओं का नाश करने के लिए पृथ्वी पर जन्म लिया था. आत्म प्रेम गिरी की तस्वीर ने एक नई चर्चा को जन्म दिया है, जिसमें उन्हें भगवान परशुराम का वर्तमान रूप बताया जा रहा है.

रूस से नेपाल तक का सफर

आत्म प्रेम गिरी का जन्म रूस में हुआ था, लेकिन अब वे नेपाल में रहते हैं. वे पहले एक पायलट बाबा के शिष्य थे और जूना अखाड़े से जुड़े हुए हैं. करीब तीस साल पहले उन्होंने अपने शिक्षण करियर को छोड़ दिया और हिंदू धर्म के बारे में गहन अध्ययन करना शुरू किया. धीरे-धीरे उन्होंने हिंदू धर्म को अपनी जीवनशैली के रूप में अपनाया.

 

कुंब मेला में आकर्षण का केंद्र

आत्म प्रेम गिरी इस समय प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला में शामिल हैं. उनकी अच्छी कसरत की हुई शारीरिक बनावट और चेहरे पर विशेष चमक ने उन्हें मेले में खास पहचान दिलाई है. वे घंटों वर्कआउट करने के शौकिन हैं, जो उनके आकर्षक रूप का एक कारण है. महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन 13 जनवरी से शुरू हो चुका है और यह 26 फरवरी तक चलेगा. इस बार करीब 400 मिलियन (40 करोड़) श्रद्धालुओं के इस धार्मिक पर्व में शामिल होने की उम्मीद है. इस दौरान कई देशों के प्रतिनिधि, आध्यात्मिक नेता और सांस्कृतिक राजदूत भी इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनेंगे.

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