Married Pepole: नई स्टडी में बताया गया है कि विवाह महिलाओं के लिए मृत्यु दर को एक तिहाई कम करने में मदद करता है. शोधकर्ताओं ने भी कहा है कि भले ही सांस्कृतिक परिवर्तनों ने विवाह की संस्था के बारे में हमारे दृष्टिकोण को बदल दिया है, लेकिन इससे इंसान के समग्र स्वास्थ्य में काफी सुधार आता है.
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Research: लाइफ में हर आदमी के जीवन में एक ऐसा समय आता है. जब वह शादी के बंधन में बंधने जा रहा होता है. इस दौरान लोगों के मन में अपने करियर और भी कई चीजों को लेकर सवाल उठा करते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि एक शोध में पता चला है कि शादीशुदा लोग अपनी लाइफ में अधिक जीते हैं. कुंवारे तलाकशुदा लोग शादीशुदा की अपेक्षा कम जीते हैं. शादीशुदा लोग डिप्रेशन और ह्रदय से संबंधित बीमारियों से भी दूर रहते हैं. जिन महिलाओं ने शादी की और फिर तलाक ले लिया उनमें भी मौत का खतरा कुछ हद तक कम हो जाता है. हालांकि ये बातें आप भी जानकर हैरान होंगे लेकिन स्टडी में कहा गया है कि शादीशुदा लोगों की शारीरिक और मानसिक सेहत ज्यादा अच्छी होती है.
ग्लोबल एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित एक नई स्टडी में बताया गया है कि विवाह महिलाओं के लिए मृत्यु दर को एक तिहाई कम करने में मदद करता है. शोधकर्ताओं ने भी कहा है कि भले ही सांस्कृतिक परिवर्तनों ने विवाह की संस्था के बारे में हमारे दृष्टिकोण को बदल दिया है, लेकिन इससे इंसान के समग्र स्वास्थ्य में काफी सुधार आता है. अध्ययन में 11,830 अमेरिकी महिलाओं, नर्सों को शामिल किया गया था, जिनमें ज्यादातर श्वेत और अपेक्षाकृत अच्छी स्थिति में थी. ये सभी नर्सें 1990 के दशक की शुरुआत में शादी करने का फैसला कर रहीं थी. अध्ययन में नामांकन से पहले किसी भी महिला का विवाह नहीं हुआ था. दशकों बात 1989 और 1993 के बीच शादी के बंधन में बंधने वाली प्रतिभागी नर्सों की तुलना उन लोगों से की गई, जिन्होंने कभी शादी नहीं की थी. शोधकर्ताओं ने जांच की ताे पता चला कि लगभग 25 वर्षों के बाद महिलाओं के जीवन में शादी के बाद किस तरह का सुधार आया. शादीशुदा महिलाओं के शारीरिक मानसिक सेहत और उनके उम्र को ध्यान में रखा गया है.
शादीशुदा महिलाओं में मृत्यु का खतरा कम रहता है
शोधकर्ताओं ने बताया कि स्टडी के दौरान पता चला है कि जिन महिलाओं ने उस दौरान शादी की थी, उनमें मृत्यु का जोखिम कुमारी महिलाओं की तुलना में 35% कम था. उनमें वह महिलाएं भी शामिल थी जिन्होंने शादी तो की लेकिन बाद में तलाक ले लिया. स्टडी में पाया गया है कि शादीशुदा महिलाओं में डिप्रेशन कम रहता है और हृदय रोग की समस्या भी नहीं होती है, क्योंकि जो अकेलेपन को महसूस करता है उसके अंदर डिप्रेशन और हृदय से संबंधित बीमारियां अधिक होती हैं.
शादीशुदा लोगों को अकेलेपन का खतरा कम होता है. शोधकर्ताओं ने कहा कि जिन महिलाओं ने शादी की लेकिन बाद में तलाक ले लिया उनमें मृत्यु का खतरा शादीशुदा रहने वालों की तुलना में 19% अधिक था. जो महिलाएं अपने पार्टनर से अलग हो गई, उन्होंने तलाक के बाद डिप्रेशन और खराब स्वास्थय की शिकायत भी की.
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