China First Emperor Army: साल 1974 में किसानों के एक समूह को ऐसी नायाब चीज मिली, जिसने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया. शानक्सी प्रांत में वह एक साधारण से खेत में खुदाई कर रहे थे. अचानक उनको मिट्टी से बनी मानव आकृति के कुछ टुकड़े मिले.
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China News: द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना के बारे में आपने जरूर सुना होगा. लेकिन क्या आप चीन के पहले शासक के बारे में जानते हैं. चीन के पहले सम्राट क्विन शी हुआंग का प्राचीन मकबरा अब भी इतिहासकारों के लिए किसी मिस्ट्री से कम नहीं है. यह मकबरा रहस्यों से भरा हुआ है और आर्कियोलॉजिस्ट इसको खोलने से कतरा रहे हैं.
इस मकबरे के कुछ हिस्सों पर रिसर्च हुई है. लेकिन संभावित खतरों को देखते हुए मकबरे को हाथ तक नहीं लगाया गया. दरअसल चीनी सम्राट की मौत के 100 साल बाद इतिहासकार सिमा कियान ने एक आर्टिकल लिखा, जिसमें उन्होंने मकबरे के अंदर छिपे खतरे के जाल का जिक्र किया है.
बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन कारीगरों ने मकबरा बनाया था, उनको धनुष-बाण बनाने का हुक्म दिया गया था. ताकि अगर कोई शख्स मकबरे में एंट्री करे तो इनसे उस पर हमला किया जा सके.
इसके अलावा मकबरे में पारे (Mercury) का एक सिस्टम बना है, जो अंदर फैलता रहता है.
साल 1974 में हुई थी खोज
साल 1974 में किसानों के एक समूह को ऐसी नायाब चीज मिली, जिसने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया. शानक्सी प्रांत में वह एक साधारण से खेत में खुदाई कर रहे थे. अचानक उनको मिट्टी से बनी मानव आकृति के कुछ टुकड़े मिले. यह तो बस एक बहुत बड़े रहस्य के खुलने की शुरुआत ही थी. इसके बाद आर्कियोलॉजिकल विभाग ने खुदाई की तो मालूम चला कि यह इलाका हजारों टेराकोटा मॉडल्स से भरे कई गड्ढों के ऊपर बना था.
इनमें युद्ध के घोड़ों, कलाबाजों, सैनिकों, सेनापतियों और अलग-अलग तरह के जानवरों को दिखाने के लिए बेहद सतर्कता से तैयार आकृतियां हैं. ये अब टेराकोटा आर्मी का पार्ट हैं. मिट्टी से बनी इस बड़ी सेना का मकसद है सम्राट क्विन शी हुआंग के मकबरे की रक्षा करना. शी हुआंग ने 221 से 210 ईसा पूर्व तक चीन पर राज किया था.
मकबरे के आसपास कब्रिस्तान की खोज हुई है. लेकिन सम्राट के मकबरे को खोला नहीं गया है. इसके अंदर क्या है यह राज 2000 साल से इसके अंदर ही दफन है.