INS Kirpan: भारत ने वियतनाम को गिफ्ट किया ये घातक युद्धपोत, दहल गया चीन; पहली बार किसी देश को ऐसा तोहफा
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INS Kirpan: भारत ने वियतनाम को गिफ्ट किया ये घातक युद्धपोत, दहल गया चीन; पहली बार किसी देश को ऐसा तोहफा

India Vietnam Relations: भारत और वियतनाम के बीच बहुत पुराने संबंध है. पीएम मोदी (PM Modi) भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति में वियतनाम को अहम सहयोगी बता चुके हैं. अब भारत ने वियतनाम को समंदर का ऐसा योद्धा गिफ्ट किया है. जिससे चीन की धड़कन बढ़ गई है. विएतनाम ताइवान की तरह वो ऐसा देश है जिसे चीन झुका नहीं पाया है.

INS Kirpan: भारत ने वियतनाम को गिफ्ट किया ये घातक युद्धपोत, दहल गया चीन; पहली बार किसी देश को ऐसा तोहफा

Indian Navy gifts INS Kirpan to Vietnam: दूसके देशों की जमीन हड़पने के लिए उतावले चीन को भारत ने ऐसे चक्रव्यूह में घेरा है, जिससे पार पाना 'ड्रैगन' के लिए नामुमकिन हो गया है. क्वाड (QUAD) के अलावा भारत ने अब ऐसा फैसला लिया है जिससे चीन बुरी तरह से परेशान है. दरअसल चीन का भारत ही नहीं, कुछ और पड़ोसी देशों से जमीन का विवाद है. चीन धरती से लेकर समुद्री सीमा तक दूसरों के इलाके पर कब्जा करना चाहता है. इसमें एक देश वियतनाम भी है, जहां के रक्षा मंत्री जनरल फान वान जियांग भारत दौरे पर आए थे. इस यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वियतनाम को जो गिफ्ट देने का ऐलान किया था वो वादा पूरा हो गया है. जिससे चीन की धड़कन बढ़ गई है.

यूं फंसा चीन

भारतीय नौसेना का एक सक्रिय ड्यूटी मिसाइल कार्वेट उपहार के रूप में वियतनाम भेजा गया है, जो भारत द्वारा किसी भी देश को दिया गया पहला युद्धपोत है. नौसेना ने कहा कि घरेलू स्तर पर निर्मित कार्वेट आईएनएस किरपान बुधवार को भारत के पूर्वी तट से रवाना किया गया था. भारत और वियतनाम ने हाल के वर्षों में रक्षा पर विशेष ध्यान देने के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया है, क्योंकि दोनों देश चीन की बढ़ती आक्रामकता से चिंतित हैं.

घातक हथियारों से लैस है कृपाण

1350 टन खुखरी क्लास की वारशिप आईएनएस कृपाण नौसेना में अपनी सेवा दे रही है. इसकी लंबाई 91.1 मीटर और बीम 10.5 मीटर का है. यह अधिकतम 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से समुद्र में चल सकती है. अगर 30 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से इसे चलाया जाए तब इसकी रेंज 7400 किलोमीटर हती है. इसमें 4 पी20एम एंटी शिप मिसाइलें, 2 स्ट्रेला-2 एम तोपें अटैच हैं, जिन्हें कंधे पर रखकर फाइटर जेट्स या हेलिकॉप्टरों पर दागा जाता है. इसके अलावा एक 76 मिलिमीटर की एके-176 गन लगी है. साथ ही 30 मिलिमीटर की 2 एके-630 गन लगी है. यानी दुश्मन पर हमला करना इससे बेहद आसान है. इस पर एक हेलिकॉप्टर तैनात हो सकता है. इस वॉरशिप में मीडियम रेंज की गन लगी है. इसके अलावा मिसाइल और लॉन्चर भी तैनात रहते हैं. यह समंदर में कई भूमिकाओं को निभाने में सक्षम है.

साउथ चीन सागर में कमजोर होगा चीन

गौरतलब है कि चीन कभी वियतनाम को झुका नहीं पाया है. आईएनएस कृपाण की ताकत मिलने से वियतनाम, अब दक्षिण चीन सागर में 'ड्रैगन' को और मजबूती से घेर लेगा. इसके साथ ही वियतनाम के सैनिकों को सबमरीन और फाइटर जेट ऑपरेशन की ट्रेनिंग देने पर चर्चा हुई है. वियतनाम के जवानों को साइबर सुरक्षा, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर जैसे कई क्षेत्रों के बारे में ट्रेंड करेगा. इसका फायदा भारत समेत कई देशों को होगा. ये पहला मौका है जब भारत ने इतना बड़ा और महंगा तोहफा किसी देश को दिया है. 

भारत इससे पहले मालदीव और मॉरीशस जैसे देशों को छोटी नावें और सैन्य उपकरण मुहैया करा चुका है. इसके साथ ही म्यांमार को एक पनडुब्बी दी गई है.

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