China-Cuba Relations: रिपोर्ट में दावा किया कि चीन ने फ्लोरिडा से लगभग 160 किमी दूर द्वीप पर एक इलेक्ट्रॉनिक ईव्सड्रॉपिंग फैसिलिटी स्थापित करने के लिए क्यूबा के साथ एक सीक्रेट डील पर साइन की है.
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Chinese Spy Facility In Cuba: क्या 1962 का क्यूबा मिसाइल संकट जैसे हालात फिर से बनने जा रहे हैं जब शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ सरकार ने अमेरिका को डराने के लिए उसके पड़ोसी देश क्यूबा में परमाणु हथियार से लैस मिसाइलों की तैनाती कर दुनिया को एटमी जंग के मुहाने पर खड़ा कर दिया था. वॉल स्ट्रीट जर्नल ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि चीन ने फ्लोरिडा से लगभग 160 किमी दूर द्वीप पर एक इलेक्ट्रॉनिक ईव्सड्रॉपिंग फैसिलिटी स्थापित करने के लिए क्यूबा के साथ एक सीक्रेट डील पर साइन की है.
रॉयटर्स के मुताबिक इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद बाइडेन प्रशासन के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि चीन कुछ समय से क्यूबा से जासूसी कर रहा है और 2019 में वहां अपनी खुफिया संग्रह सुविधाओं को अपग्रेड किया है.
नाम न छापने की शर्त पर बाइडेन प्रशासन के अधिकारी ने कहा कि मीडिया की रिपोर्ट 'हमारी समझ के अनुरूप नहीं है.' हालांकि उसने यह नहीं बताया कि यह रिपोर्ट गलत कैसे है और न ही इस बारे में विस्तार से जानकारी दी कि क्या चीन की ओर से क्यूबा में जासूसी के अड्डे बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
'यह कोई नया मुद्दा नहीं है'
अधिकारी ने कहा कि यह मुद्दा जो बिडेन के राष्ट्रपति बनने से पहले का है, जब बीजिंग ने दुनिया भर में अपने खुफिया संग्रह के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के प्रयास किए थे. अधिकारी ने कहा, 'यह कोई नया डेवलपमेंट नहीं है बल्कि लगातार चल रहा मुद्दा है. पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) ने 2019 में क्यूबा में अपनी खुफिया संग्रह सुविधाओं को अपग्रेड किया. यह बात खुफिया रिकॉर्ड में अच्छी तरह से दर्ज है.'
चीन और क्यूबा ने दी क्या प्रतिक्रिया?
रॉयटर्स के मुताबिक टिप्पणी के लिए पूछे जाने पर, वाशिंगटन में चीन के दूतावास के एक अधिकारी ने चीनी विदेश मंत्रालय एक के प्रवक्ता के शुक्रवार के बयान की ओर इशारा किया. इस बयान में क्यूबा के जासूसी स्टेशन की बात करके अमेरिका पर 'अफवाह फैलाने और बदनामी' करने का आरोप लगाया, और उसे 'सबसे शक्तिशाली हैकर साम्राज्य' करार दिया था.
रिपोर्ट के मुताबिक क्यूबा सरकार ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया. गुरुवार को, क्यूबा के उप विदेश मंत्री कार्लोस फर्नांडीज डी कोसियो ने जर्नल की रिपोर्ट को 'पूरी तरह से झूठा' कहकर खारिज कर दिया और इसे अमेरिकी मनगढ़ंत कहानी बताया जिसका उद्देश्य द्वीप के खिलाफ वाशिंगटन के दशकों पुराने आर्थिक प्रतिबंध को सही ठहराना था. उन्होंने कहा कि क्यूबा लैटिन अमेरिका और कैरेबियन में सभी विदेशी सैन्य उपस्थिति को खारिज करता है.