Women is not Safe: पाकिस्तान सरकार देश में महिलाओं की सुरक्षा और उनकी भागीदारी को लेकर तमाम दावे करती है, पर हकीकत कुछ और है. महिलाओं के लिए पाक सुरक्षित नहीं है. PHRC के आंकड़ों के अनुसार, यहां जबरन शादी और ऑनर किलिंग के मामले बढ़ रहे हैं.
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Pakistan is not Safe for Women: पाकिस्तान में सिर्फ आर्थिक और राजनीतिक संकट ही नहीं, बल्कि मानवीय संकट से भी परेशान हैं. दरअसल, यहां जबरन निकाह कराने और ऑनर किलिंग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले दिनों पाकिस्तान मूल की दो स्पेनिश बहनें अनीसा अब्बास (23 साल) और उरूज अब्बास (21 साल) की हत्या ने पूरी दुनिया का ध्यान इस तरफ खींचा. इनकी हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई, क्योंकि यह जबरन कराई गई शादी से आजादी चाहते थे और दोनों ने अपने पतियों से तलाक मांगा था.
पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में ऑनर किलिंग के 450 से अधिक मामले सामने आए. 2004 से 2016 के बीच ऑनर किलिंग के 15,222 केस दर्ज किए गए. इस तरह देखें तो पाकिस्तान में हर साल 1170 और हर हफ्ते 22 हत्याएं झूठे सम्मान के लिए की जा रही हैं. ऑनर किलिंग के इससे ज्यादा मामले दुनिया में कहीं नहीं हैं.
पाकिस्तान में मानवाधिकारों पर काम करने वाले लोग बताते हैं कि यहां ऑनर किलिंग की सबसे बड़ी वजह जिरगा सिस्टम यानी पंचायत है. इस सिस्टम को सरकार का समर्थन प्राप्त है और इसमें इसी तरह के अमानवीय फरमान सुनाए जाते हैं. वो कहते हैं कि जिरगा सिस्टम पाक में महिलाओं के खिलाफ अपराध को बढ़ावा दे रहा है. यह सिस्टम कितना खोखला है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जून 2002 में दक्षिणी पंजाब जिले के मुजफ्फरगढ़ की स्थानीय जिरगा ने सुनवाई करते हुए मुख्तारन माई से गैंगरेप करने का फैसला सुनाया था. यहीं पर महिलाओं के हत्या कर देने जैसे फैसले होते हैं.
पाकिस्तान में 2016 चर्चित पाकिस्तानी मॉडल कंदील बलोच की ऑनर किलिंग के बाद इसे रोकने के लिए पाकिस्तानी सरकार कड़ा कानून लेकर आई थी. इसमें ऑनर किलिंग के दोषी को मौत की सजा का प्रावधान किया गया था, लेकिन धीरे-धीरे इसमें कई संशोधन किए गए जिसके बाद यह कानून काफी कमजोर हो गया और लोगों से इसका खौफ खत्म हो गया है. इस कानून का खौफ लोगों में कितना कम है, इसका अंदाजा इसी लगाया जा सकता है कि 2019 में पंजाब प्रांत में ऑनर किलिंग की 197 घटनाएं हुईं, जबकि 2020 में 237 से अधिक मामले सामने आए.