mp news: मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र सीमा पर ताप्ती नदी के बेसिन में जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड वाटर स्टोरेज प्रोजेक्ट शुरू होने जो रहा है. माना जा रहा कि ये प्रोजेक्ट देश का पहला ग्राउंड वॉटर रीचार्ज प्रोजेक्ट है जो MP के लोगों की जिंदगी को और बेहतर बनाएगी. बताया जा रहा कि इस प्रोजेक्ट से एमपी के साथ-साथ महाराष्ट्र के लोगों को भी फायदा होगा और एमपी के करीब 73 गांव भी डूबने से बच जाएंगे.
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र दोनों राज्य मिलकर ताप्ती नदी पर एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहे हैं. ये संयुक्त मेगा प्रोजेक्ट न सिर्फ एमपी बल्कि महाराष्ट्र के लोगों के लिए भी फायदेमंद होगा.
ग्राउंड वॉटर रीचार्ज प्रोजेक्ट की बात करें तो, ताप्ती नदी के बेसिन में स्थित दो पहाड़ों (एमपी के बुरहानपुर और महाराष्ट्र के जलगांव जिले की चोपड़ा तहसील) के बीच 250 स्क्वायर किलोमीटर में जमीन के अंदर पानी जमा किया जाएगा. कहा जा रहा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड वाटर स्टोरेज प्रोजेक्ट होने वाला है.
इस ग्राउंड वॉटर रीचार्ज प्रोजेक्ट को पानी बचाने और सिंचाई के लिए बहुत जरूरी माना जा रहा है. बताया जा रहा कि एक बार प्रोजेक्ट पूरा होने पर इससे किसानों को फायदा के साथ पानी की समस्या भी दूर होगी.
इस प्रोजेक्ट की लागत की बात करें तो यह करीब 19,244 करोड़ रुपये बताई जा रही है. दोनों राज्यों की सहमति पर केंद्र सरकार नेशनल प्रोजेक्ट के तहत 90% फंडिंग कर सकती है, यानी दोनों राज्यों को लागत राशि का सिर्फ 10 फीसदी ही देना होगा.
1986 में भी मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच ताप्ती नदी के पानी को बांटने के लिए बांध बनाने की योजना थी, लेकिन इस योजना के कारण 73 गांवों के डूबने का डर था, जिसके कारण एमपी सरकार ने बांध बनाने से मना कर दिया था. लेकिन अब इस परियोजना के तहत एक छोटा बांध बनाया जाएगा, जिससे 73 गांव डूबने से बच जाएंगे.
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