Budget 2025 Exceptation: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश करेंगी. वित्त मंत्री के ऐलान से पहले नौकरीपेशा लोगों को इनकम टैक्स में राहत की उम्मीद है. लोगों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री 10 लाख रुपये तक की कमाई को टैक्स फ्री करेंगे. बजट ऐलान से पहले एक नजर भारत के आयकर के सफर पर...
सरकार की आमदनी का एक बड़ा हिस्सा लोगों की आमदनी यानी इनकम टैक्स से आता है. आपकी कमाई पर, आपकी आमदनी पर सरकार टैक्स लेती है. अगर आयकर से सफर पर नजर डाले तो 1947 में जब पहली बार देश का बजट पेश किया गया तो उस वक्त 1500 रुपये की आमदनी को टैक्स फ्री कर दिया गया
आजादी के समय देश में 1500 रुपये तक की आमदनी ही टैक्स फ्री थी. साल दर साल इनकम टैक्स में बदलाव किया गया. एक वक्त ऐसा भी आया जब लोगों की बच्चों की संख्या पर उन्हें टैक्स छूट दी गई.
साल 1955 में पहली बार देश में शादीशुदा और कुंवारों के लिए अलग-अलग सिस्टम लाया गया. जहां कपल के लिए 2000 रुपये तक की कमाई को टैक्स फ्री किया गया तो वहीं कुंवारों के लिए टैक्सफ्री इनकम 1000 रुपये थी.
साल 1958 में बच्चों की संख्या के आधार पर इनकम टैक्स में छूट दी गई. एक बच्चे वाले लोगों को 3300 की कमाई पर टैक्स फ्री थी तो दो बच्चों पर अधिक छूट मिलती थी. 2 बच्चों पर टैक्स फ्री इनकम 3600 रुपये थी. वहीं जिन कपल का कोई बच्चा नहीं था, उन्हें 3000 रुपये की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था.
साल 1973-74 में भारत में इनकम टैक्स बढ़ा दी गई थी. आयकर की अधिकतम सीमा 85 फीसदी तक कर दी गई थी. इसमें सरचार्ज मिलाने पर यह 97.75 फीसदी तक पहुंच जाती थी. इस दौर में 100 रुपये की कमाई 97.75 रुपये तक का टैक्स लग जाता था. हालांकि 2 लाख रुपये तक की इनकम टैक्सफ्री थी, यानी 2 लाख रुपये से अधिक की कमाई पर हर सौ रुपये पर 97.75 रुपये सरकार रख लेती थी. उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं और वित्त मंत्री यशवंतराव बी. चव्हाण थे. उस वक्त आयकर दरें ऐतिहासिक ऊंचाई पर थीं. उस बजट को सरकार ने ब्लैक बजट का नाम दिया.
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