डेली स्टार में छपी खबर के मुताबिक, विशेषज्ञों ने उच्च गुणवत्ता वाले कैमरों और रोबोटिक हाथों वाली एक बिना पायलट वाली पनडुब्बी को 2500 मीटर की गहराई तक भेजा. इसने द्वीपों के समुद्र तल से नमूने लिए, जिनके बारे में शोधकर्ताओं का मानना है कि ये लाखों साल पहले डूब गए थे.
वैज्ञानिकों ने अब डूबे हुए जमीनों का नाम 'लॉस एटलांटिस' रखा है, जो कि आज भी जीवित अटलांटिस के मिथक का संदर्भ देता है.
स्पेन के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के समुद्री भूविज्ञानी लुइस सोमोजा ने कहा, "यह अटलांटिस की कथा की उत्पत्ति हो सकती है. ये अतीत में द्वीप थे और वे डूब गए थे, वे अभी भी डूब रहे हैं, जैसा कि अटलांटिस की कथा कहती है."
इस बीच, ब्रिटेन से लगभग दोगुने आकार का एक खोया हुआ "अटलांटिस" महाद्वीप मिला है, जिसके बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि इस रहस्यमयी जगह पर लगभग पांच लाख लोग रहते थे. डूबे हुए इलाके में पुराने नदियों के निशान और ताजे पानी की झीलों के हिस्से ऑस्ट्रेलिया के तट पर मिले हैं.
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह "डूबा हुआ" इलाका ऑस्ट्रेलिया का अपना "अटलांटिस" था, जहां के रहने वाले लोगों को डूबने पर नए घर ढूंढने पड़े थे. इस इलाके में बढ़ते हुए समुद्र के जलस्तर ने अंततः तटों को ढक लिया, जो अब तिमोर के खिलाफ टिके हुए हैं, जिससे यह इलाका पानी में डूब गया और अंततः लहरों के नीचे दब गया.
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