Lawrence Bishnoi Vs Lucky Patial: अपराध की दुनिया में कभी कोई अपना सिक्का लंबे समय तक नहीं चला पाया है. यहां हम बात करेंगे लॉरेंस बिश्नोई और बंबीहा गैंग की. ऐसा माना जा रहा है कि बंबीहा ग्रुप जिसे अब खालिस्तानी संगठनों की मदद मिल रही है वो अब भारी पड़ रहा है. बिश्नोई और बंबीहा ग्रुप के बीच अदावत दशकों पुरानी है. लेकिन पंजाबी लोकगायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद बिश्नोई-गोल्डी बरार गैंग चर्चा में आया था. पुलिस अधिकारी बताते हैं कि वैसे तो पहले ये दोनों गैंग सिर्फ पंजाब तक ही सीमित थे. लेकिन अब ये हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के स्थानीय गैंग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की जब लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने हत्या करा दी. उसके बाद लकी पटियाल का नाम चर्चा में आया. बंबीहा ग्रुप के लकी पटियाल ने कसम खाई है कि वो बिश्नोई गैंग को बर्बाद कर देगा. 2016 में बंबीहा ग्रुप के सरगना देवेंदर बंबीहा के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बाद लकी पटियाल ने कमान संभाली. ऐसा माना जाता है कि अपने मकसद को अंजाम तक पहुंचाने के लिए वो केटीएफ की मदद ले रहा है. वो रिंदा संधू, लांडा हरिके, हरियाणा के कौशल चौधरी गैंग के जरिए खुद को मजबूत कर रहा है.
बिश्नोई और बंबीहा गैंग के बीच दुश्मनी की कहानी वैसे तो दशकों पुरानी है. लेकिन 2020-21 में पंजाब यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन के चुनाव को लेकर टकराव चरम पर पहुंच गया. जब बिश्नोई समर्थक पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष गुरलाल बरार के साथ विक्की मिडडूखेड़ा की हत्या बंबीहा गैंग ने की. उसके बाद दोनों एक दूसरे के जानी दुश्मन बन गए.
अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला, पंजाब का रहने वाला है और वो भारत सरकार की नजर में अब आतंकी है. ऐसा माना जा रहा है कि कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद वो खालिस्तान टाइगर फोर्स की कमान भी संभाल रहा है. 2020 में डाला भारत छोड़कर कनाडा के सरे में अपनी पत्नी और बेटी के साथ रहता है. 1 सितंबर 2020 को जालंधर से पासपोर्ट इशू हुआ था और 31 अगस्त 2027 तक वैलिड है.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बिश्नोई गैंग अपने सभी अपराधों को अंजाम देने के लिए जय बलकारी का नारा लगाता है तो बंबीहा ग्रुप खालिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाता है. जानकारों का मानना है कि लकी पटियाल और अर्श डाला ने जिस तरह से खालिस्तानी संगठनों की मदद ले रहे हैं उसकी वजह से खतरा अब गैंगवार तक ही सीमित नहीं है.
2020 से 2022 तक बिश्नोई गैंग, बंबीहा ग्रुप पर भारी पड़ा. वो सिद्धू मूसेवाला की हत्या करा चुका था. लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है. पुलिस के बड़े अधिकारियों के मुताबिक अब बंबीहा ग्रुप तेजी से उभर रहा है. दोनों के बीच गैंगवार के साथ बिश्नोई और बंबीहा ग्रुप ने अपने मकसद को अंजाम देने के लिए दिल्ली, राजस्थान, और हरियाणा के स्थानीय बदमाशों के साथ समझौता किया है. इसकी वजह से आक्रामक तरीके से ये एक दूसरे को निशाना बना रहे हैं.
यही नहीं पंजाबी लोकसंगीत पर कब्जे की लड़ाई को लेकर भी बंबीहा और बिश्नोई गैंग आमने सामने आ गए. इसके साथ ही कबड्डी की प्रतियोगिता में रुपए की लेन देन पर भी लड़ाई शुरू हो गई. पंजाब के बाहर इन दोनों ग्रुपों में लड़ाई की वजह फिरौती की रकम, जमीन पर कब्जा, विवादित जमीनों की सौदेबाजी और कांट्रेक्ट किलिंग को लेकर हुआ.
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