Ananya Raje Scindia : जब भी बात सबसे खूबसूरत राजकुमारी की होती है, अन्नया राजे सिंधिया का नाम सबसे ऊपर आता है. अनन्या करोड़़ों-अरबों की दौलत की मालकिन है, लेकिन उनकी सादगी सबका दिल जीत लेती है.
Jyotiraditya Scindia Daughter Ananya Raje Scindia:भले ही भारत में राजा-महाराओं का राजसी परंपरा खत्म हो गया हो, लेकिन अभी भी कई राज परिवार हैं, जो राज परिवार की परंपरा को सालों से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ले जा रहे हैं. परिवार और राजसी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. इसी में से एक है ग्वालियर का सिंधिया परिवार. नाम से आप समझ गए होंगे कि हम मोदी सरकार के मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की ही बात कर रहे हैं. राजनीति के साथ पर्सनल लाइफ को लेकर भी सुर्खियों में रहने वाले सिंधिया राजपरिवार से ताल्लुक रखते हैं. लेकिन आज बात उनकी राजकुमारी की.
ज्योतिरादित्य सिंधिया की लाडली और ग्वालियर के रॉयल फैमिली की राजकुमारी अनन्या राजे सिंधिया ( Ananya Raje Scindia) खूबसूरती में अपनी मां और महारानी प्रियदर्शिनी राजे को भी मात देती हैं. जिनका नाम दुनिया की 50 खूबसूरत महिलाओं की लिस्ट में भी शामिल हो चुका हैं.उनकी बेटी खूबसूरती में उनके भी आगे हैं.
ग्वालियर के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया के दो बच्चे हैं,. राजकुमार महानआर्यमन और राजकुमार अनन्या राजे सिंधिया राज परिवार की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. हालांकि वो सोशल मीडिया से काफी दूर रहते हैं.
अनन्या को एडवेंचर स्पोर्ट्स का बहुत शौक है और खासतौर से वे हॉर्स राइडिंग करना पंसद करती है. इसके अलावा उन्हें फुटबॉल भी काफी शौक है. पढञाई खत्म कर अब अनन्या अपने करियर की शुरुआत कर चुकी हैं.
अरबों के महल में रहने वाली राजकुमारी अनन्या राजे की स्कूलिंग दिल्ली के ब्रिटिश स्कूल में हुई है. आगे की पढ़ाई उन्होंने आइलैंड स्कूल ऑफ डिजाइन से की है. बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स की डिग्री हासिल कर चुकी अनन्या राजसी परिवार के ठाठ-बाट में आराम फरमाने के बजाए नौकरी करती हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अनन्या राजे सिंधिया ने कुछ समय तक स्नैपचैट में इंटर्नशिप की, उसके बाद वो आईफोन बनाने वाली कंपनी ऐपल में बतौर डिजाइनर ट्रेनी के तौर पर नौकरी कर रही हैं.
सोशल मीडिया से दूर रहने वाली अनन्या राजे पहली बार साल 2018 में चर्चा में कब आई, जब उन्होंने पैरिस फैशन शो 'ले बॉल' में हिस्सी लिया. सिर्फ 16 साल की उम्र में वो इस शो का हिस्सा बनी. उनकी खूबसूरती के खूब चर्चे हुए.
ले बॉल में हिस्सा लेने वाली अनन्या पहली बार किसी सोशल इवेंट में शामिल हुई थी, उन्होंने तब अपने भाई महाआर्यमन के साथ हिस्सा लिया था. इवेंट में उनकी ड्रेस से लेकर सादगी को लेकर खूब सूर्खियां बंटोरी थी.
राज परिवार की विरासत जय विलास पैलेस में अनन्या अपने परिवार के साथ रहती हैं. सिंधिया परिवार का ये महल अपने आप में आकर्षण का केंद्र रहा है. इस महल की कीमत 4500 से 5000 करोड़ रुपये से अधिक बताई जाती है.
ग्वालियर के जय विलास महल ( Jai Vilas Palace) की खूबसूरती और खूबियां उसे खास बनाती है. 400 कमरे, 560 किलो सोने की सजावट और 3 हजार किलो वाले झूमर से सजा ये महल सदियों से अपनी विरासत को समेटे हुए हैं.
साल 1874 में सिंधिया राजवंश के शासक जयाजी राव सिंधिया ने ग्वालियर में जय विलास महल बनवाया था. इस महल को फ्रांसीसी आर्किटेक्ट सर माइकल फिलोस ने डिजाइन किया था. 400 कमरों वाले इस भव्य महल की पहली मंजिल टस्कन शैली, दूसरी मंजिल इतालवी-डोरिक शैली और तीसरी कोरिंथियन शैली में बनी है. इतावली संगमरमर और फारसी कालीन से महल को सजाया गया है.
महल के दरबार हॉल के अंदरूनी हिस्से को सोने और गिल्ट की सजावट की कई है. महल के अंदर 560 किलो सोने का इस्तेमाल कर उसकी सजावट की गई है. सोने से सजे इस महल को बनाने में 12 साल लग गए और 146 साल पहले इसे बनाने में 1 करोड़ रुपये का खर्च आया था.
12 लाख 40 हजार 771 वर्ग फीट में बने इस महल की दूसरी मंजिल पर बना दरबार हॉल जयविलास की शान कहा जाता है. दरबार हाल की दीवारों और छत को पूरी तरह सोने-हीरे-जवाहरात से सजाया गया था.
महल के दरबार हॉल की छत पर दुनिया का सबसे भारी झूमर लगाया गया है. इस झूमर का वजन साढ़े तीन हजार किलो है. इस झूमर को लटकाने से पहले कारीगरों ने छत की मजबूती को जांचने के लिए छत पर दस हाथियों को चढ़ाया था. दस दिन तक छत पर हाथी चहलकदमी करते रहे. जिसके बाद उस झूमर को छत से टांगा गया. इस झूमर को देखने लोग आते हैं. ये दुनिया का सबसे ज्यादा वजन वाला झूमर है.
जयविलास पैलेस का शाही डायनिंग हाल राजा-महराजाओं की आलीशान जीवनशैली को दिखाता है. महल में भोजन के दौरान परोसने के लिए चांदी की खूबसूरत ट्रेन है. डायनिंग टेबल पर पटरी लगी है.
महल में खाने के लिए सोने-चांदी के बर्तन हैं. स्टाफ के लिए अलग कमरें, गार्जन, पोलो गाउंडर, स्विमिंग पूल, जिम जैसी तमाम लग्जरी सुविधाओं से लेकर राजशी विरासत मौजूदा है.
जय विलास महल के 35 कमरों में म्यूजियम खुल गया है, जो सिंधिया राजघराने के इतिहास को दर्शाता है. राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने इस म्यूजिमय को जीवाजीराव सिंधिया की याद में बनाया था. इस म्यूजिम को एचएच महाराजा जियाजीराव सिंधिया संग्रहालय का नाम दिया गया है. आप भी इस महल को देख सकते हैं.
अगर आप भी इस महल को करीब से देखना चाहते हैं तो टिकट बुकिंग करा सकते हैं. महल मंगलवार से रविवार तक सुबह 10.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक खुला होता है .महल का म्यूजिम सोमवार को बंद रहता है. आप ऑनलाइन ऑफलाइन तरीकों से टिकटों की बुकिंग कर सकते हैं. टिकट के दाम पता करने के लिए आप महल की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं.
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