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देश की सबसे कमाऊ सड़क, छोटी दूरी में कर लेती है मोटी कमाई, टोल टैक्स इतना कि गाड़ीवालों की ढीली हो जाती है जेब

Most Exprensive Expressway:  देश का सबसे महंगा और सबसे व्यस्त एक्सप्रेसवे मुंबई-पुणे एक्‍सप्रेसवे है. सिर्फ इतना ही नहीं इसे देश का सबसे पुराना और पहला एक्‍सप्रेसवे भी माना जाता है

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Highest Earning Expressway: देश में हाईवे, एक्सप्रेसवे का जाल फैल रहा है. इस बार भी बजट 2025 में वित्त मंत्री ने सड़कों के निर्माण पर फोकस रखा है. देश में एक से बढ़कर एक एक्सप्रेसवे है, कोई सबसे लंबा तो कोई सबसे छोटा, लेकिन आज जिस एक्सप्रेसवे के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं वो कमाई के मामले में अव्वल है. इस एक्सप्रेसवे ने सरकार की खूब झोली भरी है.  

सबसे कमाऊ एक्सप्रेसवे

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 सबसे कमाऊ एक्सप्रेसवे

 

देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे  का खिताब दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे ज्यादा कमाई करने वाला एक्सप्रेसवे कौन सा है. जाहिर है कि जब बात कमाई की होगी तो एक्सप्रेसवे का महत्व भी खास होगा. इस एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा से सरकार के खजाने में सबसे ज्यादा पैसा पहुंचता है. देश में एक्‍सप्रेसवे की बढ़ती संख्‍या के साथ ही इससे टोल कलेक्‍शन में भी तेज उछाल आ रहा है.

सबसे ज्यादा टोल टैक्स की वसूली

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 सबसे ज्यादा टोल टैक्स की वसूली

 

IRB इन्फ्रा डेवलपर्स लिमिटेड और IRB इन्‍फ्रा ट्रस्‍ट की ओर से हाल ही में आंकड़े जारी किए गए हैं. इन आंकड़ों की माने तो दिसंबर 2024 में टोल टैक्स कलेक्शन के मामले में मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे अव्वल रहा है. इस दौरान जहां टोल कलेक्शन 580 करोड़ रुपये रहा तो वहीं मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे का दिसंबर 2024 में टोल कलेक्शन सबसे ज्‍यादा 163 करोड़ रुपये रहा. एक साल पहले इसी महीने में यानी दिसंबर 2023 में मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे का टोल कलेक्शन 158.4 करोड़ रुपये रहा था. 

100 किमी से भी छोटा एक्सप्रेसवे

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 100 किमी से भी छोटा एक्सप्रेसवे

 

खासबात ये है कि यह एक्सप्रेसवे सिर्फ 94.5 किलोमीटर है. यानी सौ किलोमीटर से भी छोटे इस एक्सप्रेसवे ने सरकारी खजाने में सबसे ज्यादा पैसा डाला.  इसके बाग अहमदाबाद-वडोदरा एक्सप्रेसवे और एनएच48 ने दिसंबर 2024 में 70.7 करोड़ रुपये की टोल टैक्स वसूले.  

देश का सबसे महंगा एक्सप्रेसवे

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  देश का सबसे महंगा एक्सप्रेसवे

 

देश का सबसे महंगा और सबसे व्यस्त एक्सप्रेसवे मुंबई-पुणे एक्‍सप्रेसवे (Mumbai-Pune Expressway)है. सिर्फ इतना ही नहीं इसे देश का सबसे पुराना और पहला एक्‍सप्रेसवे भी माना जाता है. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को पुणे से जोड़ने वाली यह सड़क देश की पहली 6 लेन की सड़क है.  

बनने में लगे 22 साल

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 बनने में लगे 22 साल

 

  साल 2002 में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने मुंबई पुणे एक्सप्रेस का निर्माण करवाया था. दो व्यस्त शहरों को जोड़ने वाला ये एक्सप्रेसवे सबसे महंगा रास्ता है. यानी इस रास्ते पर सफर के लिए आपको अपनी जेब काफी ढ़ीली करनी पड़ेगी.  यानी ये एक्सप्रेस वे समय तो बचाता है, लेकिन जेब पर बोझ भी डालता है. भले ही टोल ज्यादा लगे, लेकिन समय बचाने के लिए लोग इस एक्सप्रेसवे का खूब इस्तेमाल करते हैं.  

समय बचाने वाला एक्सप्रेसवे

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 समय बचाने वाला एक्सप्रेसवे

 

देश का सबसे पुराना  एक्सप्रेसवे मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे की शुरुआत  साल 2002 में तत्‍कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी, लेकिन इसे बनने में 22 साल लग गए, हालांकि इसके कुछ भाग को साल 2000 में ही ट्रैफिक के लिए शुरू कर दिया था.  इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि वो समय की बचत करता है. 

क्या है एंट्री, एग्जिट प्वाइंट

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 क्या है एंट्री, एग्जिट प्वाइंट

 

 इसकी लंबाई महज 94.5 किलोमीटर है. यह सड़क नवी मुंबई के कलमबोली इलाके से शुरू होती है और पुणे के किवाले में समाप्‍त होती है. इसका निर्माण एनएचएआई ने नहीं, बल्कि महाराष्‍ट्र स्‍टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने किया है. इस एक्‍सप्रेसवे के दोनों तरफ 3-3 लेन की कंक्रीट की सर्विस लेन भी बनाई गई है.

कितना है टोल टैक्स

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 कितना है टोल टैक्स

 

   इस एक्‍सप्रेसवे को बनाने में करीब 16.3 हजार करोड़ रुपये की लागत आई थी.  इस एक्‍सप्रेसवे के शुरू होने से मुंबई और पुणे के बीच सफर का समय 3 घंटे से घटकर महज 1 घंटे का रह गया है. इसका मतलब है कि वाहन चालकों के एक तरफ से ही 2 घंटे का समय बच जाता है. इस एक्‍सप्रेसवे ने दोनों शहरों के बीच रोजाना अप-डाउन करने वालों की संख्‍या भी बढ़ा दी है. शहाद्री पर्वत शृंखला को पार करते इस एक्‍सप्रेसवे की खूबसूरती देखते ही बनती है. इस पहाड़ी को पार करने के लिए टनल और अंडरपास बनाए गए हैं. एक्‍सप्रेसवे की स्‍पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटे है.

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