5 Miracle Yantra: कुछ विशेष यंत्रों को धार्मिक और ज्योतिषीय रूप से बहुत शुभ माना जाता है. ये यंत्र सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने, सौभाग्य बढ़ाने और जीवन में सफलता दिलाने में सहायक माने जाते हैं. आइए जानते हैं उन 5 चमत्कारी यंत्रों के बारे में.
मां लक्ष्मी के जुड़ा यह रत्न धन, समृद्धि और सौभाग्य को आकर्षित करता है. करियर और व्यवसाय में सफलता दिलाता है. इसके अलावा मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति देता है. इस यंत्र को घर के पूजा-स्थान पर किसी किसी लाल या पीले कपड़े पर स्थापित करें. इसके बाद गंगाजल से शुद्ध कर हल्दी और चंदन का तिलक करें. फिर, धूप-दीप जलाकर "ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः" मंत्र का 108 बार जप करें. ध्यान रहे कि शुक्रवार को श्री यंत्र की विशेष पूजा करने से अधिक लाभ मिलता है.
धन के देवता से जुड़ा यह रत्न धन, व्यापार और निवेश में सफलता देता है. साथ ही साथ कर्ज से मुक्ति दिलाने में मदद करता है. इसके अलावा यह रत्न अचानक धन लाभ के योग बनाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस यंत्र को उत्तर दिशा में रखें, क्योंकि यह भगवान कुबेर की दिशा मानी जाती है. इसके बाद गंगा जल से स्नान कराकर चावल और केसर का तिलक करें. फिर, "ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा" मंत्र का 108 बार जप करें. याद रहे कि शुक्रवार के दिन पूजा-पाठ के बाद गुड़ और चने का भोग लगाना शुभ रहेगा.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवग्रह रत्न सभी ग्रहों के दोष शांत करता है. इसके साथ ही यह कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभाव को कम करता है. जीवन में स्थिरता और सफलता लाता है. ऐसे में इस यंत्र शुभ मुहूर्त में स्थापित करें. फिर, गंगा जल और कच्चे दूध से स्नान कराएं. इसके बाद नवग्रह मंत्रों का जाप करें, विशेष रूप से "ॐ सूर्याय नमः", "ॐ चन्द्राय नमः" इत्यादि. हर शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें.
महामृत्युंजय यंत्र स्वास्थ्य की रक्षा करता है. दुर्घटनाओं और अचानक आने वाली समस्याओं से बचाता है. आध्यात्मिक उन्नति में मदद करता है. ऐसे में इस यंत्र को घर या कार्यस्थल के पूजाघर में स्थापित करें. इसके बाद गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें. "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।" मंत्र का 108 बार जप करें. प्रतिदिन सुबह इस यंत्र को प्रणाम करें और दीप जलाएं.
वास्तु दोष नाशक यंत्र घर और कार्यस्थल के वास्तु दोषों को दूर करता है. साथ ही नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर शांति और समृद्धि लाता है. मानसिक और पारिवारिक तनाव को कम करता है. इस यंत्र को मुख्य द्वार, पूजा स्थान या घर के मध्य भाग में स्थापित करें. इसके बाद गंगाजल और धूप से शुद्ध करें. फिर, "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जप करें. हफ्ते में एक बार कपूर और गुग्गल से धूप देने से विशेष लाभ होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
ट्रेन्डिंग फोटोज़