Pinaka Rocket System: दुश्मन के काल के रूप में मशहूर पिनाका एमके-3 का खतरनाक वर्जन तैयार हो रहा है. यह भारत का स्वदेशी घातक एयर सिस्टम का तीसरा मॉडल है. इस रॉकेट लॉन्चर से इंडियन आर्मी की ताकत कई गुनी बढ़ जाएगी. इसकी मदद से लंबी दूर की रेंज तक अटैक करना चुटकी बजाने जितना आसान हो जाएगा.
रक्षा मंत्रालय ने DRDO के 'ब्रहास्त्र' Pinaka- MK3 को लेकर बड़ा फैसला लिया है. इसके फैब्रिकेशन का काम जारी है. DRDO अब इस घातक एयर सिस्टम के तीसरे मॉडल को बना रहा है. माना जा रहा है इसकी मदद से भारतीय सेना को मजबूती मिलेगी.
DRDO पिनाका-एमके3 विकसित कर रहा है जो भारत की स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली का तीसरा संस्करण है जिसे हवाई खतरों को बेअसर करने और दूरदराज के ऊंचे इलाकों में तैनात दुश्मन ताकतों का मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
पिनाका के पहले दो वर्जन पाकिस्तान और चीन सीमा पर तैनात हैं. इस रॉकेट सिस्टम की रफ्तार इसे सबसे ज्यादा घातक और मारक बनाती है. इसकी स्पीड 5757.70 km प्रतिघंटा है. यानी एक सेकेंड में 1.61 km की गति से हमला करता है. पिछले साल ही भारतीय थल सेना की ताकत बढ़ाने के लिए 6400 पिनाका रॉकेट्स खरीदने की मंजूरी दी गई थी.
पिनाका को कारगिल युद्ध में भी इस्तेमाल किया गया था, लेकिन अब पिनाका रॉकेट लॉन्चर का एडवांस वर्जन लाया जा रहा है. पिनाका-एमके3 के दो वेरिएंट बनाए जाएंगे, जिस पर DRDO काम कर रहा है. यह लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट सिस्टम है जिसकी पहली रेंज 120 किलोमीटर या उससे और भी कई ज्यादा होने की संभावना है और दूसरे वेरिएंट्स की रेंज 300 किलोमीटर होगी.
इस रॉकेट लॉन्चर की स्पीड 5757.70 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. पहली पिनाका रेजिमेंट फरवरी 2000 में बनाई गई थी.
भारत के पास पिनाका रॉकेट लांचर सिस्टम कई वर्जन हैं, जिसमें पिनाका Mk-1, Mk-I Enhanced और पिनाका Mk-II है. पिनाका Mk-1 की रेंज 48 किलोमीटर, पिनाका Mk-I Enhanced की रेंज 60 किलोमीटर और पिनाका Mk-II की रेंज 90 किलोमीटर है.
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