Abu Mohammed Al Julani News: सीरिया में इस समय एक बार फिर गृह युद्ध की स्थिति बन गई है. जो असद सरकार के लिए गंभीर चुनौती बनी हुई है. बागियों के हमलों से सीरियाई राष्ट्रपति बसर अल असद परेशान हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार बागी हर हाल में असद की सत्ता को उखाड़ फेकने के जज्बे से आगे बढ़ रहे हैं. उनके हमलों के बाद अलेप्पो का दो-तिहाई हिस्सा HTS के कब्जे में आ गया है. शुक्रवार को सीरिया के एक बड़े हिस्से पर उनका कब्जा हो गया. इसके बाद रूस ने दोस्त असद की मदद के लिए हवाई हमले तेज किए. जिसमें एचटीएस चीफ जुलानी की मौत हो गई. ऐसा दावा किया जा रहा है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक अबू मोहम्मद अल-जुलानी को बगदादी ने सीरिया में गृह युद्ध के दौरान अल-कायदा का नेतृत्व करने के लिए चुना था. जुलानी ने सीरिया में कायदा की शाखा अल-नसुरा की स्थापना की और राष्ट्रपति असद के खिलाफ जिहाद शुरू किया. जब बगदादी ISIS (इराक और सीरिया में इस्लामिक राज्य) बनाने के लिए इराक में अल कायदा का अल नुसरा के साथ विलय करना चाहता था, तो जुलानी ने इसका विरोध किया था. जुलानी अपना साम्राज्य बनाए रखना चाहता था. जब दुनिया का ध्यान ISIS को हराने पर केंद्रित था, उल दौरान जुलानी ने धीरे-धीरे और लगातार सीरिया के इदलिब में अपना खुद का जनाधार और ताकत बढ़ाई. आगे ISIS की हार हुई और बगदादी मारा गया, लेकिन जुलानी बच गया. उसने अल नुसरा का नाम बदलकर हयात तहरीर अल-शाम कर दिया. रूस की मदद से अधिकांश विद्रोही/जिहादी-कब्जे वाले क्षेत्रों पर दोबारा कब्ज़ा करने के बाद, सीरिया अब इदलिब को वापस लेना चाहता था. लेकिन तुर्की ने धमकी देकर विरोध किया. बाद में, जब पुतिन ने एर्दोगन के साथ समझौता किया, तो सीरिया ने इदलिब की सीमाओं पर संघर्ष रोक दिया था. फिलहाल बगदादी का पूर्व लेफ्टिनेंट जुलानी सीरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेप्पो पर हमले का नेतृत्व कर रहा .
असद और पुतिन के बीच बढ़िया केमेस्ट्री है. असद अपने दोस्त और रूसी समकक्ष के साथ बातचीत के लिए कई बार मास्को की यात्रा कर चुके हैं. बता दें कि वो 2023, 2018, 2017 और 2015 में रूस आ चुके हैं. कुछ सीक्रेट मुलाकातें होने के दावे किए जाते हैं. फोन पर तो अक्सर बातें होती रहती हैं. पुतिन ने भी दिसंबर 2017 और 2020 में असद से मिलने के लिए सीरिया का दौरा किया था. HTS के चीफ की रूस के हवाई हमले में मौत होने की खबर तेजी से वायरल हो रही है. हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है. HTS ने हाल के दिनों में असद शासन के खिलाफ हमले का नेतृत्व किया, जिसके दौरान अलेप्पो के महत्वपूर्ण हिस्सों पर विद्रोहियों का कब्जा हो गया था.
यरूशलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, HTS साल 2017 में कई सीरिया के अलग अलग जिहादी समूहों से निकले लड़ाकों से मिलकर बना गुट है. इसके कमांडर अल नुसरा फ्रंट से भी संबद्ध हैं. अल नुसरा, अल कायदा की सीरिया ब्रांच है. अबू मोहम्मद अल जुलानी के नेतृत्व वाले HTS का अल कायदा से भी सीधा संबंध है.
दुश्मन का दुश्मन अगर दोस्त होता है तो दोस्त का दुश्मन भी दुश्मन माना जाता है. ऐसे में रूस ने दोस्त असद की एक तरह से मदद कर दी है. जुलानी से अमेरिका भी खार खाए बैठा था. अमेरिका ने उस पर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा था. यहां दिलचस्प बात ये है कि जुलानी पश्चिमी देशों को यह समझाने की कोशिश करता रहा है कि HTS उनके लिए खतरा नहीं है. रिपोर्ट्स के मुताबिक उसने खुद को लिबरल दिखाने की बहुत कोशिशें कीं थीं.
सीरिया के हालात को लेकर रूस की सरकार द्वारा तैनात अधिकारियों ने कहा कि हमलों ने अलेप्पो और इदलिब प्रांत में आतंकवादी समूहों, कमांड पोस्ट, डिपो और तोपखाने की पोजिशन को निशाना बनाया. उन्हें बहुत नुकसान पहुंचा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने सीरिया के राष्ट्रपति और अपने दोस्त असद की दोस्ती का हक अदा कर दिया है. असद के सिर का दर्द बन चुके बागी नेता अबू मोहम्मद अल जुलानी की मौत का दावा किया गया है. जुलानी की अगुवाई में ही बागियों ने अलेप्पो पर कब्जा किया था. आपको बताते चलें कि अबू मोहम्मद अल जुलानी सीरिया के खूंखार आतंकी समूह हयात तहरीर अल शाम (HTS) का नेता था. हालांकि, उसकी मौत की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है.
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