Strange taxes of the world: आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट 2024-25 पेश करेंगी. हर साल की तरह इस साल भी बजट में टैक्स को लेकर खूब चर्चा हो रही है. लोगों को इनकम टैक्स समेत कई तरह के टैक्स में सरकार से छूट की उम्मीदें रहती हैं. खैर ये सब तो चलता रहेगा, आज इस खबर में हम आपको दुनिया के कुछ हैरान कर देने वाले टैक्स के बारे में बताने जा रहे हैं. क्योंकि कुछ जगहों पर दाढ़ी, पेशाब, टोपी और नमक जैसी चीजों पर भारी टैक्स वसूल किया जाता है.
सबसे पहले बात करते हैं दाढ़ी टैक्स की. 1535 में इंग्लैंड में सम्राट हेनी अष्टम ने उस समय सभी को हैरान कर दिया था, जब उन्होंने दाढ़ी टैक्स लगा दिया था. हालांकि यह आम आदमी हैसियत पर निर्भर रहता था.
हेनरी के बाद उनकी बेटी ने नियम बनाया था कि दो हफ्ते से ज्यादा बड़ी दाढ़ी रखने पर टैक्स वसूल किया जाता था. इससे भी बड़ी हैरानी की बात यह है कि अगर टैक्स वसूली के समय कोई घर से भाग जाता था, पड़ोसियों को अदायगी करनी होती थी.
1971 में डेमोक्रेटिक स्टेट लेजिस्टेटर बर्नार्ड ग्लैडस्टोन ने हर सेक्सुअल इंटरकोर्स पर दो डॉलर का टैक्स लगाने की बात कही थी. हालांकि यह लागू नहीं हो पाया था. कहा जाता है कि यह प्रस्ताव प्रांत की आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते लिया गया था.
इसके अलावा जर्मनी में प्रॉस्टिट्यूट का काम करने वाली महिलाओं को हर महीने 150 रुपये टैक्स अदा करना होता था. ये 2004 में लागू किया गया था, क्योंकि जर्मनी में प्रॉस्टिट्यूशन का काम करना कानूनी तौर पर लीगल है और सरकार बड़े पैमाने इससे पैसा वसूल करती है.(AI PHOTO)
प्राचीन में यूरीन यानी पेशाब पर भी टैक्स वसूल किया था. अब आप सोच रहे होंगे ये कैसे हो सकता है? तो दरअसल पेशाब में अमोनिया होने की वजह से इसका कई चीजों में इस्तेमाल किया जाता था. ऐसे में रोम के राजा ने पब्लिक यूरिनल से पेशाब के डिस्ट्रिब्यूशन पर टैक्स लगाना शुरू कर दिया था.
केरल के त्रावरणकोर के राजा ने निचली छोटी जाति की महिलाओं के स्तन ढकने पर टैक्स लगा दिया था. 19वीं शताब्दी में कुछ निचली जातियों की महिलाओं को इस जगह पर स्तन ढकने की इजाज़त नहीं थी.
हालांकि एक महिला से जब टैक्स वसूली की जा रही थी तो उसने विरोध में अपने स्तन काट दिए थे. क्योंकि वो टैक्स नहीं देना चाहती थी. स्तन कटने की वजह से उसकी मौत हो गई थी. जिसके बाद राजा ने यह टैक्स हटा लिया था.
रूस के ही राजा ने आत्मा पर भी टैक्स लगा दिया था. यानी जो लोग आत्मा जैसी चीजों पर यकीन रखते थे उन्हें टैक्स अदा करना होता था.
हालांकि जो धार्मिक मान्यताओं को नहीं मानते थे उन्हें भी टैक्स देना होता था. यह टैक्स रूस के राजा पीटर द ग्रेट ने 1718 में लागू किया था.
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