Indian Railway Superfast Train: दुनिया का चौथा सबसे विशाल रेल नेटवर्क भारतीय रेलवे के पास है. देश के कोने-कोने में पहुंचने वाली रेलवे लगातार अपनी सुविधाओं और रफ्तार का विस्तार कर रही है. राजधानी, शताब्दी जैसी लग्जरी ट्रेनें अब गुजरे जमाने की बात हो गई.
Indian Railway Superfast train: दुनिया का चौथा सबसे विशाल रेल नेटवर्क भारतीय रेलवे के पास है. देश के कोने-कोने में पहुंचने वाली रेलवे लगातार अपनी सुविधाओं और रफ्तार का विस्तार कर रही है. राजधानी, शताब्दी जैसी लग्जरी ट्रेनें अब गुजरे जमाने की बात हो गई. देश में वंदे भारत एक्सप्रेस, बुलेट ट्रेन की बात होती है. लोगों को अपने डेस्टिनेशन तक जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए रेलव हाई-स्पीड ट्रेनों को चलाने की योजना पर काम कर रहा है. हाई स्पीड ट्रेनों की रफ्तार 280 किमी प्रति घंटे की होगी. यानी अगर ये ट्रेन दिल्ली से पटना के बीच चलाई गई तो 1000 किमी की दूरी को तय करने में उसे सिर्फ 4 घंटे लगेंगे. इस दूरी तो तय करने में फिलहाल राजधानी एक्सप्रेस को 12 से 13 घंटे लग जाते हैं.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की मुताबिक भारतीय रेलवे 280 किलोमीटर की रफ्तार से चलने में सक्षम ट्रेनों का डिजाइन तैयार कर रहा है। इंटीग्रल कोच फैक्टरी (चेन्नई) में BEML के साथ मिलकर रेलवे हाई-स्पीड ट्रेन सेट या बुलेट ट्रेन का डिजाइन बनाया जा रहा है. अगर ये ट्रायल सफल रहा तो आप 240 मिनट यानी सिर्फ 4 घंटे में दिल्ली से पटना पहुंच सकेंगे. बता दें कि दिल्ली से बिहार की राजधानी पटना की दूरी 1000 किलोमीटर है. 280 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली यह ट्रेन इस दूरी को सिर्फ 4 घंटे में पूरा कर लेगी.
इन ट्रेनों का निर्माण मेक इन इंडिया पहल के तहत किया जा रहा है. वंदे भारत ट्रेनों की सफलता के बाद रेलवे ने अब हाई-स्पीड ट्रेन सेट का डिजाइन बनाना और उसका निर्माण शुरू कर दिया है. जिस तरह से सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत आते ही छा गई. उसी तरह से रेलवे की ये हाई स्पीड ट्रेन छा सकती है. इसके लिए रेलवे को इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस बढ़ा रही है.
रेल मंत्री की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस हाई स्पीड ट्रेन के कोच के निर्माण में लगभग 28 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. खर्च के अंदाजा लगा सकेंगे कि ये ट्रेन आम ट्रेनों से बिल्कुल अलग होगी. एयरोडायनमिक, एयर-टाइट कार बॉडी का डिजाइन पर बन रही यह ट्रेन मॉडर्न टेक्नोलॉजी के साथ बनाई जा रही है.
जापान के साथ मिलकर तैयार की जा रही मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है. अब तक 336 किलोमीटर पियर फाउंडेशन, 331 किलोमीटर पियर निर्माण, 260 किलोमीटर गर्डर कास्टिंग और 225 किलोमीटर गर्डर लॉन्चिंग पूरी हो चुकी है. इसके साथ ही समुद्र के नीचे सुरंग बनाने का काम भी शुरू हो चुका है.
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