UNESCO World Heritage list: असम (Assasm) में अहोम वंश के सदस्यों (Assams Ahom dynasty) को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ टीलेनुमा संरचना में दफनाने की व्यवस्था ‘मोइदम्स’ को शुक्रवार को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया. इसी के साथ ‘मोइदम्स’ इस सूची में जगह बनाने वाली पूर्वोत्तर भारत की पहली सांस्कृतिक संपत्ति बन गई है. इसके साथ ही युद्ध की त्रासदी झेल रहे फिलिस्तीन की एक साइट को भी विश्व धरोहर की सूची में जगह मिली है. केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने असम में अहोम वंश के सदस्यों को मृत्यु पश्चात उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ टीलेनुमा ढांचे में दफनाने की व्यवस्था ‘मोइदम’ को शुक्रवार को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि ये अहोम राजवंश की शाश्वत पद्धति के प्रमाण हैं.
‘मोइदम्स’ यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में जगह बनाने वाली पूर्वोत्तर भारत की पहली सांस्कृतिक संपत्ति बन गया है. इसे सूची में शामिल करने का फैसला भारत में आयोजित किए जा रहे विश्व धरोहर समिति (डब्ल्यूएचसी) के 46वें सत्र में लिया गया था.
‘मोइदम्स’ के असाधारण सार्वभौमिक मूल्य को समझने के लिए भारत ने संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) और विश्व धरोहर समिति का आभार जताया है.
‘मोइदम्स’ पिरामिड सरीखी अनूठी टीलेनुमा संरचनाएं हैं, जिनका इस्तेमाल ताई-अहोम वंश द्वारा अपने राजवंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ दफनाने के लिए किया जाता था। ताई-अहोम राजवंश ने असम पर लगभग 600 साल तक शासन किया था.
असम में अहोम वंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ टीलेनुमा संरचना में दफनाने की व्यवस्था ‘मोइदम्स’ को शुक्रवार को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया. इसी के साथ ‘मोइदम्स’ इस सूची में जगह बनाने वाली पूर्वोत्तर भारत की पहली सांस्कृतिक संपत्ति बन गई.
इस बार भारत से बस एक आवेदन गया था. और उसे भी यूनेस्को ने अपनी कसौटी पर कसते हुए सही पाया और असम की इस विरासत को विश्व धरोहर का दर्जा दे दिया. दुनिया भर से 19 नए नामांकनों सहित कुल 36 नामांकनों का मूल्यांकन किया गया, जिसमें से अहोम मोइदम भारत से एकमात्र आवेदन था. ICOMOS ने सिफारिश की है कि अहोम राजवंश को दफनाने की जगह अहोम मोइदम को मानदंड 3 और मानदंड 4 के आधार पर विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जाए.
असम में अहोम वंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ टीलेनुमा संरचना में दफनाने की व्यवस्था ‘मोइदम्स’ को शुक्रवार को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने के बाद केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज का दिन स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया है.
गाजा में महीनों से जारी युद्ध के बीच फलस्तीन की सेंट हिलेरियन मोनेस्ट्री/टेल उम्म आमेर को शुक्रवार को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची और खतरे में पड़ी विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया. नयी दिल्ली में आयोजित विश्व धरोहर समिति (WHC) के 46वें सत्र की पूर्ण बैठक में सेंट हिलेरियन मोनेस्ट्री/टेल उम्म आमेर को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची और खतरे में पड़ी विश्व विरासत सूची में शामिल किए जाने की घोषणा की गई.
मुस्लिम जगत के देशों खासकर लेबनान, तुर्किये, कजाकिस्तान और कई अन्य देशों ने फलस्तीन के विरासत स्थलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने का स्वागत किया है.
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