सावन का महीना चल रहा है और देशभर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है. इस दौरान देशभर के शिव मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. सावन में ऊंची-ऊंची पहाड़ियों में बसे केदारनाथ, बदरीनाथ और अमरनाथ जैसे प्रमुख धामों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. ऐसे में क्या आपके मन में कभी ऐसा सवाल उठा है कि आखिर दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर कहां स्थित है? ज्यादातर लोगों के मन में केदारनाथ या अमरनाथ का नाम आता होगा, लेकिन ये सही जवाब नहीं है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे मंदिर के बारे में, जिसके बारे में शायद ही आप जानते हो और यह दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है.
दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. इसका नाम है तुंगनाथ मंदिर. समुद्र तल से करीब 3680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर पांच पंचकेदार मंदिरों में से एक है. तुंगनाथ का मतलब होता है 'पर्वतों के स्वामी' और यह नाम इस मंदिर की ऊंचाई और भव्यता को बखूबी दर्शाता है.
तुंगनाथ मंदिर का विशेष धार्मिक महत्व है. मान्यता है कि महाभारत काल में पांडवों ने यहां भगवान शिव की तपस्या की थी. आपको बता दें कि इस मंदिर में भगवान शिव के हाथों की पूजा की जाती है.
तुंगनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. सबसे पहले आपको उत्तराखंड के चोपता पहुंचना होगा. यहां से करीब 3.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होगी. हालांकि, यह ट्रेक थका देने वाला जरूर है, लेकिन रास्ते के नजारे इतने खूबसूरत होते हैं कि आप थकना भूल जाएंगे.
तुंगनाथ मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर तक होता है. इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और आप आसानी से यात्रा कर सकते हैं. हालांकि, सावन के महीने में भी यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी होती है.
तुंगनाथ मंदिर एक ऐसा स्थान है जहां आप प्रकृति की गोद में बैठकर भगवान शिव की भक्ति में लीन हो सकते हैं. अगर आप एक एडवेंचर यात्रा के साथ-साथ धार्मिक यात्रा का भी प्लान कर रहे हैं, तो तुंगनाथ मंदिर आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन हो सकता है.
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