Grah Dosh Mukti Upay: क्या अच्छे खान-पान के बावजूद बार-बार घेर लेती है बीमारी? ग्रह दोष हो सकते हैं वजह, जानें कैसे कर सकते हैं समाधान
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Grah Dosh Mukti Upay: क्या अच्छे खान-पान के बावजूद बार-बार घेर लेती है बीमारी? ग्रह दोष हो सकते हैं वजह, जानें कैसे कर सकते हैं समाधान

Grah Dosh se Mukti ke Upay (ज्योतिष शास्त्री नरेंद्र जुनिजा): प्राचीन भारतीय ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहरा प्रभाव माना गया है, जिसमें स्वास्थ्य भी शामिल है. जन्मकुंडली में ग्रहों की स्थिति और उनकी चाल हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है. 

Grah Dosh Mukti Upay: क्या अच्छे खान-पान के बावजूद बार-बार घेर लेती है बीमारी? ग्रह दोष हो सकते हैं वजह, जानें कैसे कर सकते हैं समाधान

Grah Dosh se Mukti Kaise Paayein: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति अशुभ हो, तो उसे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. ज्योतिष शास्त्र में इन समस्याओं के निवारण के लिए विभिन्न उपाय बताए गए हैं, जो ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करके स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की स्थिति और उनके प्रभाव से हमारा शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य प्रभावित होता है. हर ग्रह किसी न किसी अंग, प्रणाली या जीवन के पहलू का प्रतिनिधित्व करता है. ग्रहों के शुभ प्रभाव से हमारे स्वास्थ्य में सुधार होता है, जबकि अशुभ प्रभाव से स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. आइए प्रत्येक ग्रह और उनके प्रभावों को विस्तार से समझते हैं:

1. सूर्य (Sun)

संबंधित अंग और प्रणाली: सूर्य हमारे आत्मविश्वास, हड्डियों, आंखों, और हृदय को नियंत्रित करता है. यह जीवन ऊर्जा का स्रोत है. अशुभ प्रभाव:

● हड्डियों की कमजोरी

● आंखों की समस्याएं (दृष्टि कमजोर होना)

● हृदय रोग

● आत्मविश्वास और आत्मसम्मान में कमी स्वास्थ्य संकेत: सूर्य कमजोर हो तो व्यक्ति थकावट, आलस्य और मानसिक तनाव महसूस कर सकता है.

2. चंद्रमा (Moon)

संबंधित अंग और प्रणाली: चंद्रमा मन, मानसिक शांति, और रक्त परिसंचरण को नियंत्रित करता है. यह हमारी भावनाओं का कारक है. अशुभ प्रभाव:

● मानसिक तनाव और अस्थिरता

● अनिद्रा और नींद संबंधी समस्याएं

● उच्च या निम्न रक्तचाप

● मनोविकार और चिंता स्वास्थ्य संकेत: चंद्रमा कमजोर हो तो व्यक्ति असमंजस और भावनात्मक रूप से अस्थिर महसूस करता है.

3. मंगल (Mars)

संबंधित अंग और प्रणाली: मंगल ऊर्जा, रक्त, मांसपेशियों, और शारीरिक शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है. अशुभ प्रभाव:

● रक्त विकार जैसे एनीमिया

● चोट और दुर्घटनाएं

● सर्जरी या ऑपरेशन की आवश्यकता

● आक्रामकता और गुस्सा स्वास्थ्य संकेत: कमजोर मंगल वाले व्यक्ति में चोट लगने या खून की कमी की संभावना अधिक होती है.

4. बुध (Mercury)

संबंधित अंग और प्रणाली: बुध तंत्रिका तंत्र, त्वचा, और संवाद क्षमता से संबंधित है. यह बौद्धिक शक्ति और स्मरण शक्ति का प्रतीक है. अशुभ प्रभाव:

● त्वचा रोग

● तंत्रिका तंत्र की समस्याएं जैसे सिरदर्द और चक्कर आना

● बोलने या संवाद में रुकावट स्वास्थ्य संकेत: बुध कमजोर हो तो व्यक्ति को चिंता, भ्रम और त्वचा पर फोड़े-फुंसी हो सकती हैं.

5. बृहस्पति (Jupiter)

संबंधित अंग और प्रणाली: बृहस्पति लिवर, मोटापा, और मधुमेह से संबंधित है. यह विकास और ज्ञान का प्रतीक है. अशुभ प्रभाव:

● पाचन तंत्र की गड़बड़ी

● लिवर की समस्याएं जैसे फैटी लिवर

● मधुमेह और मोटापा स्वास्थ्य संकेत:

कमजोर बृहस्पति वाले व्यक्ति को अपच, मोटापा और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.

6. शुक्र (Venus)

संबंधित अंग और प्रणाली: शुक्र प्रजनन प्रणाली, किडनी, और गले से संबंधित है. यह सुंदरता और जीवनशैली का प्रतीक है. अशुभ प्रभाव:

● प्रजनन प्रणाली की समस्याएं

● किडनी से संबंधित विकार जैसे स्टोन

● गले की बीमारियां स्वास्थ्य संकेत: शुक्र कमजोर हो तो त्वचा की चमक कम हो जाती है और गले में संक्रमण होता है.

7. शनि (Saturn)

संबंधित अंग और प्रणाली: शनि हड्डियों, जोड़ों, दांतों और त्वचा से संबंधित है. यह कर्म और दीर्घकालिक स्वास्थ्य का प्रतीक है. अशुभ प्रभाव:

● गठिया और जोड़ों का दर्द

● दांतों की समस्याएं

● त्वचा रोग जैसे सोरायसिस

● अवसाद और उदासी स्वास्थ्य संकेत:

कमजोर शनि वाले व्यक्ति को लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों का सामना करना पड़ता है.

8. राहु (Rahu) और केतु (Ketu)

संबंधित अंग और प्रणाली: ये छाया ग्रह हैं, जो भ्रम, मानसिक विकार, और त्वचा रोगों से जुड़े होते हैं. अशुभ प्रभाव:

● मानसिक अस्थिरता और चिंता

● अचानक बीमारियां

● त्वचा पर एलर्जी और संक्रमण स्वास्थ्य संकेत: इन ग्रहों का अशुभ प्रभाव हो तो व्यक्ति को भ्रम और भय का अनुभव होता है.

स्वास्थ्य सुधार के ज्योतिषीय उपाय हर ग्रह के लिए ज्योतिषीय उपाय ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने में सहायक होते हैं.

ग्रह दोष के ज्योतिषीय उपाय

सूर्य के लिए ज्योतिषीय उपाय

रविवार को सुबह तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, और चावल डालकर सूर्य को अर्घ्य देने से शुभ ऊर्जा का संचार होता है. साथ ही "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें और गुड़ तथा गेहूं का दान करना लाभकारी होता है.

चंद्रमा के लिए ज्योतिषीय उपाय

सोमवार को शिवलिंग पर दूध और जल चढ़ाने से चंद्रमा के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं. "ॐ सोमाय नमः" मंत्र का जाप करने और चावल व सफेद वस्त्र का दान करने से मानसिक शांति बढ़ती है.

मंगल के लिए ज्योतिषीय उपाय

मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने और "हनुमान चालीसा" का पाठ करने से मंगल ग्रह के दोष कम होते हैं. मसूर की दाल और लाल वस्त्र का दान करें तथा "ॐ अंगारकाय नमः" का जाप करने से साहस और शक्ति में वृद्धि होती है.

बुध के लिए ज्योतिषीय उपाय

बुधवार को गणेश जी की पूजा से बुध ग्रह का संतुलन बनता है. "ॐ बुं बुधाय नमः" मंत्र का जाप करें, हरे वस्त्र पहनें और हरी मूंग का दान करें ताकि बुद्धि व संचार कौशल में सुधार हो.

बृहस्पति के लिए ज्योतिषीय उपाय

गुरुवार को पीपल के पेड़ की पूजा करने और "ॐ बृं बृहस्पतये नमः" मंत्र का जाप करने से ज्ञान और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. हल्दी और चने की दाल का दान करें ताकि बृहस्पति का आशीर्वाद प्राप्त हो.

शुक्र के लिए ज्योतिषीय उपाय

शुक्रवार को देवी लक्ष्मी की पूजा और "ॐ शुक्राय नमः" मंत्र का जाप करने से जीवन में सौभाग्य और ऐश्वर्य आता है. सफेद चावल और दही का दान करके शुक्र ग्रह के शुभ प्रभाव को बढ़ाएं.

शनि के लिए ज्योतिषीय उपाय

शनिवार को पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दीपक जलाकर और "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का जाप करने से शनि ग्रह के अशुभ प्रभावों में कमी आती है. लोहे की वस्तुओं का दान करें ताकि शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त हो.

प्राचीन भारतीय ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों और उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव का विश्लेषण अत्यंत विस्तृत और रोचक है. यह शास्त्र प्रत्येक ग्रह को किसी न किसी शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक पहलू से जोड़ता है, और इसके प्रभावों को समझने के लिए गहराई से अध्ययन करने की प्रेरणा देता है.

ग्रहों की शुभ और अशुभ स्थिति व्यक्ति के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने या चुनौतियों का सामना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

साथ ही, ज्योतिषीय उपाय ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करके सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं. इन उपायों का नियमित रूप से पालन व्यक्ति को मानसिक शांति, शारीरिक स्वास्थ्य और संतुलन प्राप्त करने में मदद करता है. इस प्रकार, ज्योतिष शास्त्र न केवल एक आध्यात्मिक मार्गदर्शक है, बल्कि स्वास्थ्य सुधार के लिए एक व्यावहारिक दृष्टिकोण भी प्रदान करता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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