Cyrus Mistry Death: इस विवादित पद्धति से होगा साइरस मिस्‍त्री का अंतिम संस्‍कार! SC पहुंच चुका है मामला
Advertisement
trendingNow11336914

Cyrus Mistry Death: इस विवादित पद्धति से होगा साइरस मिस्‍त्री का अंतिम संस्‍कार! SC पहुंच चुका है मामला

Cyrus Mistry Funeral: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का महाराष्ट्र के पालघर में सड़क हादसे में निधन हो गया है. कल उनका अंतिम संस्‍कार किया जाएगा. पारसी समुदाय में अंतिम संस्‍कार के तरीके को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंच चुका है. 

फाइल फोटो

Cyrus Mistry Last Rites Rituals: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की रोड एक्‍सीडेंट में हुई मौत से उद्योग जगत में शोक की लहर छा गई है. यह कार एक्‍सीडेंट तब हुआ, जब वे गुजरात से मुंबई लौट रहे थे. साइरस मिस्‍त्री का शव पोस्‍टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है और अब कल उनका अंतिम संस्‍कार किया जाएगा. साइरस मिस्‍त्री पारसी समुदाय से हैं और इस समुदाय में अंतिम संस्‍कार का तरीका अन्‍य समुदायों से बिल्‍कुल अलग है. इसमें ना तो शव को जलाया जाता है और ना ही दफनाया जाता है. पारसी समुदाय के अंतिम संस्‍कार के रीति-रिवाजों को लेकर सप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंच चुका है. हालांकि साइरस मिस्‍त्री का अंतिम संस्‍कार किस पद्धति से होगा, यह अभी साफ नहीं है. 

कैसा है पारसी समुदाय में अंतिम संस्‍कार करने का तरीका 

पारसी धर्म में टावर ऑफ साइलेंस में अंतिम संस्कार किया जाता है. इसे दोखमेनाशिनी या दखमा भी कहा जाता है. यह एक खास गोलाकार जगह होती है जिसकी चोटी पर शवों को रखकर छोड़ दिया जाता है और आसमान के हवाले कर दिया जाता है. फिर गिद्ध उस शव का सेवन करते हैं. इस तरह से अंतिम संस्‍कार करने की यह परंपरा पारसी धर्म में 3 हजार साल से ज्‍यादा पुरानी है. 

सुप्रीम कोर्ट क्‍यों पहुंचा था मामला 

पारसी समुदाय के अंतिम संस्‍कार करने के तरीके को लेकर पहली बार कोविड काल में सवाल उठा था. दरअसल, कोविड काल में भी पारसी इसी तरीके से अंतिम संस्‍कार करना चाहते थे जो कि कोविड नियमों के अनुरूप नहीं था. इससे पक्षियों के जरिए कोविड संक्रमण फैलने का खतरा था.   

बता दें कि पारसी धर्म में पृथ्वी, जल, अग्नि तत्व को बहुत ही पवित्र माना गया है. ऐसे में शव को जलाने, पानी में बहाने या दफन करने से ये तीनों तत्‍व अशुद्ध हो जाते हैं. हालांकि गिद्धों की घटती संख्‍या के कारण पिछले कुछ सालों से पारसी समुदाय को अंतिम संस्‍कार करने में खासी दिक्‍कतें आ रही हैं. देश में मुंबई, पुणे समेत कुछ और जगहों पर ये टॉवर ऑफ साइलेंस हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

अपनी निःशुल्क कुंडली पाने के लिए यहाँ तुरंत क्लिक करें

Trending news