भारत में तिलक लगाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. यह न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी हैं.
तिलक सफेद या पीले रंग का होता है. चंदन, हल्दी या कुमकुम से बना ये तिलक दिमाग को ठंडक देता है और मानसिक तनाव को कम करता है.
माथे पर जहां तिलक लगाया जाता है, वहां की त्वचा के नीचे खास नसें होती हैं. जब तिलक लगाया जाता है, तो हल्का दबाव पड़ता है, जिससे एक्युप्रेशर का प्रभाव होता है.
तिलक लगाने से रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे सिरदर्द जैसी समस्याओं में राहत मिलती है.
तिलक लगाने से शरीर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. यह व्यक्ति के आत्मविश्वास को बढ़ाता है और मानसिक शांति देता है.
आध्यात्मिक दृष्टि से तिलक ध्यान केंद्रित करने में सहायक होता है. यह पढ़ाई या काम में मन लगाने में मदद करता है.
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